नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना के तहत 20 एकड़ के पैरा के परिवहन बैलगाड़ी ले करत हें
धमतरी, सुराजी गांव योजना के क्रियान्वयन म ग्राम पोटियाडीह के किसान अपन महती भूमिका निभावत हें। एक कोति जिहां धान के फसल कटे के बाद अवशेष के रूप म बचे पैरा ल गौठान म किसान मन कोति ले दान करे जात हे, उहें दुसर कोति गांव वाले मन कोति ले पैरा के परिवहन पारम्परिक साधन बैलगाड़ी ले करे जात हे। ए प्रकार से छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक विरासत ल सहेजे के संगें-संग फसल अवशेष (पैरा) ल गौठान म पहुंचाके सीमित संसाधन ले सदुपयोग के संदेश घलोक देहे हें।