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पारेख ह अपन पैतृक व्यवसाय पशुपालन ल बनाइस आजीविका के साधन

रोजेच 80 लीटर दूध बेचके 30 हजार रूपिया के करत हे आमदनी

नारायणपुर, देश के युवा जिहां एक कोति सिरिफ सरकारी नौकरी के पीछू भागत हे, उहें कुछ अइसनो युवा हें, जेन खुद के रोजगार करके दूसर मन ल रोजगार देवत हें अऊ एक सफल व्यवसायी बनत हें। अइसनहेच कहानी नारायणपुर जिला के तीर के गांव करलखा के पशुपालक पारेख कुमार यादव के हे, जेन हर 12वीं कक्षा पास करे के बाद अपन पैतृक व्यवसाय पशुपालन ल अपन आजीविका के साधन बनाइस। नारायणपुर जिला म दुध के कमी ह ओ ल ये व्यवसाय के कोति आकर्षित करिस अऊ एला एक अवसर मानत, ओ हर 2011-12 ले दूध बेचना चालू करिस। एक सफल व्यवसायी के रूप म काम करत पारेख अपन दूध के व्यवसाय के विस्तार बर सरलग प्रयास करत रहिस। पारेख के बताती वोखर पिता किसान हे, घर म मवेसी मन के जरूरत ल देखत पहिली बैइला आदि रखके खेती के काम करत रहिन। धीर-धीरे दूध बर कुछ गाय मन ल रखना चालू करिन। फेर उन्नत नस्ल नइ होए के सेती बहुत मात्रा म दुध उत्पादन नइ होत रहिस।
पारेख कुमार ह आगू बताइस कि ओखर पास उन्नत नस्ल के साहीवाल, गिर अऊ एचएफ नस्ल के 9 गाए हे अऊ 5 बछड़ा हे। ए गाय मन ले रोजेच करीबन 80 लीटर दूध के उत्पादन होथे। जेन ल नारायणपुर म डोर-टू-डोर 50 रूपिया प्रति लीटर के दर ले बेंचथे। पारेख अपन व्यावसाय ल उन्नत बनाए म जुटे हे अऊ दुग्ध बेचके मिले आय ले वो ह साढ़े तीन लाख रूपिया के लागत ले गाय मन बर सेड निर्माण करवाए हे। जेखर से पशु मन ल कोनो भी मौसम म परेशानी झन होवय। अभी हाल म डेयरी म 1 सहयोगी घलोक कार्यरत हे, जेला डेयरी के माध्यम ले रोजगार मिले हे। पारेख दूध व्यावसाय ले हर महीना 30 हजार कमावत हे अऊ क्षेत्र के मनखे मन ल घलोक भरपूर दूध बांटत हे। ओखर तिर 4 एकड़ खेत घलोक हे, जेमां गाय ले मिले गोबर के उपयोग खाद के रूप म करत हे, जेखर से किसानी उत्पादकता घलोक बाढ़े हे। उहें कुछ हिस्सा म ओ ह गाय मन बर हरियर चारा लगाए हे। बेहरत प्रबंधन के संगेच पारेख व्यवसायिक दृष्टिकोण घलोक रखथे। पारेख के कहना हे कि डेयरी फार्म ल अऊ विस्तार करके मनखे मन ल शुद्ध दुध के संगें-संग रोजगार घलोक मुहैया कराबोन। पारेख युवा मन ल डेयरी उद्यम के क्षेत्र म संभावना मन ल देखत काम करे के अपील घलोक करत हे।

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