पाटन म बिहान के दीदी मन बनावत हें राखी

दुर्ग, रक्षा बंधन भाई अऊ बहिनी के अपार मया के चिन्‍हारी ये अऊ जब बिहान के दीदी मन ह अपन हाथ ले रेशमी धागा, मोती, रुद्राक्ष अऊ अक्षत ले राखी तियार करत हें त ये मया के बंधना म अपन कला संस्कृति के महक के संग आंचलिक रंग घलोक मौजूद रहिही।

एक कोति परंपरा ल पुनर्जीवित करे जात हे त दुसर कोति महिला मन के ये ह आजीविका के स्रोत घलोक बनत हे। जिला के ब्लाक पाटन के ग्राम पंचायत नवागांव (बी) म भारत माता वहिनी स्व-सहायता समूह ह ए बुता करत हे। जेमां कई प्रकार के खाद्य सामान जइसे गेहुँ, धान, मसुर दाल, चावल, धागा, मोती, छोटी बड़ा धागा, स्टोन मोती, गोल्डन स्टोन ये सबो प्रकार के समान ले राखी बनाए के काम नवागांव (बी) के महिला मन समुह ले अपन हस्त कला ले करत हें। इमन ल राखी बनाए म कुल लागत 2,500 रू. आए हे अऊ अभी तक इमन राखी बेचके 4,000रू. कमई तको कर डरे हें। समुह के महिला मन अपन समान के बिक्री बर हाट बाजार फैंसी स्टोर, गांव म अपन ब्रिकी करत हें। ये राखी 5 रुपिया ले लेके 65 रुपए तक के कीमत के हे।

सांकरा म घलव कुमकुम स्व सहायता समूह के महिला मन घलोक राखी बनावत हें। उहें जनपद पंचायत धमधा म ग्राम पंचायत रौदा के समृद्धि स्व-सहायता समूह के श्रीमती कॅवरा चतुर्वेदी ह बताइस कि रेशमी धागा, मोती, रुद्राक्ष अऊ अक्षत वाले राखी बना के उमन अभी तक 6,000 रू. के राखी के बिक्री कर डरे हें।

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