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महासमुंद : बुधराम के दिव्यांगता ले नहीं, आत्मनिर्भरता ले बनीस पहिचान

बत्तख अऊ मुर्गी के पालन करके बढ़ावत हे आमदनी

महासमुंद, महासमुंद ज़िला के लखनपुर, झलप निवासी श्री बुधराम साहू, जेन 70 प्रतिशत अस्थि बाधित हे। वो ह अपन दिव्यांगता ल कभू अपन सपना के रद्दा म रोड़ा नइ बनन दीस। वो ह अपन कड़क मेहनत अऊ समर्पण ले न केवल अपन परिवार के भरण-पोषण करत हे भलुक एक सफल व्यवसायी के रूप म घलोक अपन पहिचान बनाए हं।
साहू के प्रेरणादायक यात्रा तब शुरू होइस जब समाज कल्याण विभाग ह ओ ल मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल दीस। ए ट्राइसाइकिल ह वोखर जीवन म नवा मोड़ लाइस, जेखर से ओ ल आस-पास के गांव मन म साग-सब्जी, मशरूम, इमली चॉकलेट जइसे चीज बेचके अपन आजीविका शुरू करे के अवसर मिलीस। ये ट्राइसाइकिल वोखर स्वतंत्रता के चिनहारी बन गे अऊ वोखर जीवन ल गतिशील अउ आर्थिक रूप ले सुदृढ़ बनाइस।
अभी हाल म, श्री साहू 40 बत्तख अऊ 80 देशी मुर्गी के पालन करत हे। वोखर मुर्गि हर दिन अंडा देवत हे, चिंया म बदले म ओ ल अकतहा आमदनी होवत हे। बुधराम साहू ह ये साबित कर देहे हे के दिव्यांगता कभू सफलता के रद्दा म बाधा नइ बन सकय।
बुधराम ह बताइस के समाज कल्याण विभाग कोति ले, ओ ल मुर्गी पालन व्यवसाय बर 95 हजार रुपिया के ऋण प्रदान करे गीस। वो ह ए अवसर के भरपूर लाभ उठाइस अऊ धीरे-धीरे अपन मुर्गी पालन व्यवसाय ल सफलतापूर्वक विकसित करिस। वोखर कड़क मेहनत के परिणाम ये रहिस के ओ हर महीना लगभग 15 हजार रुपए के आमदनी करे लगिस। वो ह अपन ऋण के पूरा राशि समय ले पहिली ब्याज संग चुके दीस, जेखर फलस्वरूप सरकार ह ब्याज के राशि ओ ल सब्सिडी के रूप म वापस कर दीस।

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