उत्तर बस्तर कांकेर, छत्तीसगढ़ शासन कोति ले संचालित योजना मन ले लाभ उठाके मछली पालन करइया किसान मन अब आर्थिक रूप ले संपन्न होवत जात हें, ओ मन खुद तो आत्मनिर्भर होवत हे, संगेच आन मनखे मन ल घलोक रोजगार देवत हें। युवा किसान घलोक अब शासन के योजना मन के लाभ उठाके लाभान्वित होवत हें जेखर से ऊंखर जीवन स्तर म अभूतपूर्ण बदलाव देखे ल मिलत हे। ए प्रकार ले शासन के योजना मन घलोक धरातल म फलीभूत होवत हे। कांकेर जिला के नरहरपुर विकासखण्ड के ग्राम बादल के किसान महेश मंडावी मछली पालन व्यवसाय ल अपनाके अब आत्मनिर्भर बन गए हे। ये काम ले ओ ल हर साल 03 ले 04 लाख रूपिया के आमदनी होवत हे।
विकासखंड नरहरपुर के ग्राम बादल निवासी महेश मंडावी ल पहिली ले ही मछलीपालन म लगाव रहिस, मछलीपालन इकाई संचालन म रूचि होए के सेती वो ह मत्स्य अधिकारी ले संपर्क करके प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत मछलीपालन बर आवेदन करिस। विभागीय स्वीकृति के बाद वो ह साल 2019-20 अऊ 2021-22 म मछलीपालन बर अपन निजी कृषि जमीन म नवा तरिया कोड़वा के मछली पालन इकाई के स्थापना करिस, 02 हेक्टेयर म 3 तालाब बनवाइस, एखर संगेच जल व्यवस्था बर पंप घलोक स्थापित करवाइस। मछलीपालन विभाग कोति ले महेश मंडावी ल तालाब निर्माण अऊ बीज दवई आदि बर 05 लाख 60 हजार रूपिया के अनुदान राशि प्रदाय करे गीस। सबो मूलभूत सुविधा मन ल विकसित करके महेश मंडावी ह मछलीपालन व्यवसाय ल मूर्त रूप दीस, जेमां मछलीपालन ले प्रारंभिक दौर म करीबन 20 कुंटल तक मछली के उत्पादन होत रहिस, जेखर विक्रय ले ओ ल बनेच आमदनी होए लगिस। विभागीय अधिकारी मन अऊ कर्मचारी मन के मार्गदर्शन म वो ह सरलग अपन काम के विस्तार करिस, जेखर से अभी हाल म ओ ल करीबन 30 ले 40 क्विंटल मछली उत्पादन प्राप्त होवत हे, जेखर से हर बछर करीबन 03 ले 04 लाख रूपिया के आमदनी होवत हे। मछलीपालन ले महेश कुमार के परिवार खुशहाल हो गए हे। वो ह अब गांव के आन परिवार ल घलोक रोजगार देहे के काम करत हे। महेश मंडावी मछलीपालन के नवा तकनीक मन के जानकारी प्राप्त करके मछली व्यवसाय ल अऊ बेहतर तरीका ले विकसित करके जादा आमदनी अऊ रोजगार सृजन करे के काम म लगे हे, जेखर से ओ ह आन मत्स्यपालक मन बर प्रेरणास्त्रोत बन गए हे।
मछली पालन ले आत्मनिर्भर होइस किसान महेश मंडावी
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