वर्चुअल पटल म हरेली तिहार के विषय म विचार गोष्ठी के आयोजन होइस

रायगढ़, 22 जुलाई 2020। हरेली तिहार के उपलक्ष्य म कला, संस्कृति अऊ पर्यावरण के संरक्षण बर समर्पित साहित्यिक संस्था काव्य संसद छत्तीसगढ़ के वर्चुअल पटल म विचार गोष्ठी के आयोजन होइस। कार्यक्रम के प्रारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र म फूल अऊ माल्यार्पण के संग होइस। एखर बाद समूह म राजकीय गीत अरपा पैरी के धार के प्रस्तुति होइस। ए गोष्ठी म माई पहुना के रूप मं उर्मिला सिदार अऊ विशेष पहुना के रूप म नलिनी बाजपेयी मंचस्थ रहिन, कार्यक्रम के अध्यक्षता काव्य संसद समूह के डिग्रीलाल जगत निर्भीक करीन।

हरेली के तिहार यानी खेती-किसानी के तिहार आय। ये तिहार म खेती म काम अवईया कृषि उपकरण जइसे गैती, रापा, कुदारी अऊ पशुधन के पूजा करे जाथे। इही संबंध म जानकारी देवत समूह के वक्ता मन कहिन के बिहिनियाँ किसान मन अपन जम्मों कृषि उपकरण मन के सफाई करथे अऊ घरोघर गुड़ के चिला तको बनाये जाथे। हरेली के दिन गांव मं जम्मों गांव वाला मन अपन-अपन कुल देवी- देवता मन के पूजा करथें। ए दिन पशुधन मन ला बिमारी ले रक्षा करे खातिर घलव बगरंडा के पान अऊ नुन खवाए के परंम्परा तको हे। हरेली के संदर्भ म काव्य संसद के संस्थापक पुखराज प्राज ह कहिन के, हरेली के दिन नरिहर के बाजी के खेल होथे, गेंड़ी के पूजा करे के बाद गेंड़ी दौड़ के परम्परा तको हावय फेर अब ये ह कम देखे ल मिलथे। हरेली तिहार ह हम सबो तबका जाति धर्म के मनखे मन ल एक जुट होए के संदेशा देथे। जईसे आज के दिन लोहार मन घरो-घर जाके मुहाटी (चौखट) मं लीम के डारा, परसा के डारा अऊ खीला लगाथें। ये परम्परा हमर धरोहर ये जेला हमर नवा पीढ़ी तक पहुंचाना जरूरी हे।

कार्यक्रम के अध्यक्षता डिग्री लाल जगत निर्भीक ह सदस्य मनला अपन संबोधन म नानपन के विषय म चर्चा करत हरेली परब के बिषय म जानकारी दीन। गोष्ठी के विशेष पहुना नलिनी बजपेयी ह हरेली के महत्व अऊ परब मनाये के बारे म विचार रखिन। माई पहुना के आसंदी म बिराजे उर्मिला सिदार जी ह अपन संबोधन म हरेली के परब अऊ आज के दिन के महत्व के संबंध म विचार रखिन। विशेष पहुना माधवी गणवीर जी आज के दिन के महत्व के बारे म बताइन।

बिचार रखे के कड़ी म जांजगीर-चांपा ले पधारे गिरधारी लाल चौहान, दुर्ग ले प्रिया गुप्ता, महासमुन्द ले विनोद कुमार जोगी, रायगढ़ ले गुलशन खम्हारी, पुष्पा पटनायक, अजय पटनायक, बलौदाबाजार ले संतराम कुम्हार हरेली, कांकेर ले मीरा आर्ची चौहान अऊ ओमप्रकाश साहू अंकुर मन ह अपन-अपन बात ल रखिन। कार्यक्रम के सफल संचालन काव्य संसद के सह संस्थापक सुन्दर लाल डडसेन ह अऊ कार्यक्रम म सम्मिलित साहित्यकार मनके अऊ विचार गोष्ठी म विचार रखइया मन के आभार प्रदर्शन काव्य संसद के संस्थापक पुखराज प्राज ह करीन।

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