रायपुर, 02 मार्च 2024। राजिम म स्थित श्री रामचंद्र मंदिर के इतिहास अड़बड़ जुन्ना हे। मंदिर म लगे शिलालेख अउ पुरातत्व विभाग के लगे सूचना बोर्ड ले पता चलथे कि ए मंदिर के निर्माण कल्चुरि सामंत मन ह ग्यारहवीं शताब्दीं म करे रहिन। ए मंदिर म भगवान गणेश जी के एक नृत्य करत मूर्ति हे जेन पुरातत्ववेत्ता मन के अनुसार काफी जुन्ना हे जेन ल पुरातत्व विभाग के विशेष संरक्षण प्राप्त हे।
मंदिर के गर्भगृह म पाषाण स्तंभ म उकेरे गए शिल्प बहुतेच मनमोहक हे जेन कल्चुरि कालीन संस्कृति अऊ सभ्यता ल दर्शाथे। मंदिर के दरवाजा म शिल्प के उत्कृष्ट कला के मूर्ति शिल्प हे। राजिम के ये राम मंदिर के सबले प्राचीन मंदिर कहे जाथे। ए मंदिर ल पुरातत्व विभाग ह अपन अधीनस्थ रखत संरक्षित करे हे अउ ए मंदिर के जीर्णाद्धारात्मक मरम्मत कराए जात हे। ताकि मंदिर के प्राचीनता स्पष्ट दिखय।
जानबा हे कि भू निर्दशांक के अनुसार 200 57’ 48’’ उत्तरी अक्षांश अउर 810 52’ 43’’ पूर्वी देशांतर म बसे राजिम के पूर्वामुखी रामचन्द्र मंदिर अति प्राचीन हे। मंदिर के गर्भगृह म बने पाषाण स्तंभ के शिल्प ए मंदिर के प्राचीनता ल दर्शाथे। मंदिर के एकाश्मक स्तम्भ मन म उकेरे गए देवी देवता मन के प्रतिमा संग कला के उत्कृष्ट नमूना देखे ल मिलथे। एक शिलालेख के अनुसार ये मंदिर 8वीं 9वीं शताब्दी ईश्वी के हे। मंदिर के निर्माण 11वी शताब्दी म कल्चुरी सामंत मन के प्रमुख जगतपाल देव ह करे हे येकर पुस्टि करथे।