रायपुर, 31 अगस्त 2023
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ह अपन सम्बोधन में कहिस-सकारात्मक सोच ले दुनिया के कोनो भी चुनौती के कर सकत हे सामना
० ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ कार्यक्रम के सुभारंभ के अवसर म छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन के सम्बोधन
० आपके बीच उपस्थित हो के मोला अबड़ खुशी होवत हे। आज के बईठक के विषय ‘सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष’ आज के दुनिया में अबड़ उपयुक्त हे। मैं कहना चाहू कि सकारात्मक परिवर्तन के मतलब अइसे परिवर्तन से हे जेकर लाभ व्यक्ति, परिवार, समाज अउ राष्ट्र ल हो।
० जब कोनो समाज सकारात्मक बदलाव ल अपनाथे तव ओ ह अउ जादा मजबूत हो जाथे। हम सब जानथन कि परिवर्तन प्रकृति के नियम हे। के रूढ़िवादी अउ परंपरावादी समाज अपन मान्यता अउ परंपरा ल बदलना नई चाहे ओ ह मुख्यधारा से कट जाथे।
० समय अउ आवश्यकता के अनुसार समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाथे। जब तूफ़ान चलथे त ऊही रूख सुरक्षित रहिथे जे झुके ल जानथे। तेकर ब हमन ल परिस्थितिबके अनुसार ढलना चाहि।
० वर्तमान समय में हमन सामाजिक अउ आर्थिक परिवर्तन के दौर से गुजरत हन। सरकार घलो समाज के भलाई ब काम करत हे। देश ल हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाए ब ‘वोकल फॉर लोकल’ के नारा उठाय गय हे। मकसद हे कि देश में हर जिनिस तियार हो। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी घलो ‘आत्मनिर्भर भारत’ के वकालत करथे।
मैं ह देखे हव कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में दूसर मन ल बदले के बजाय स्वयं परिवर्तन म जोर दिए जाथे जे सराहनीय हे।
मोला लगथे कि आपके संस्था आध्यात्मिक ज्ञान अउ राजयोग के माध्यम ले सामाजिक परिवर्तन के काम में सकारात्मक भूमिका निभा सकत हे।
ए संस्था नशा मुक्ति कार्यक्रम के क्षेत्र में घलो उल्लेखनीय काम करत हे। संस्था बस्तर जईसे सुदूर इलाका में आदिवासी मन ल दिव्य ज्ञान अउ राजयोग के शिक्षा दे के व्यसनमुक्त बनाए के सराहनीय काम करत हे।
राज्यपाल श्री विश्वभूषण हरिचंदन ह अपन सम्बोधन म कहिस-सकारात्मक सोच ले दुनिया के कोनो भी चुनौती के कर सकत हे सामना
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