आलेख : राम वन गमन पथ: महत्वकांक्षी योजना

-एम.एल. चौधरी
(सहायक संचालक, जन संपर्क)

रायपुर, 05 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ के पावन धरा पौराणिक काल ले दुनिया ल अपन कोति खींचत रहे हे। मर्यादा पुरूषोत्तम राम के ननिहाल चंदखुरी छत्तीसगढ़ म हे। राम छत्तीसगढ़िया मन के जीवन-शैली अऊ दिनचर्या के अंग हे। छत्तीसगढ़ के मनखे मन बिहनिहा सूत-उठ के एक-दूसर ल राम-राम कहि के अभिवादन करथें। छत्तीसगढ़ के समृद्ध संस्कृति म हरेक ममा अपन भांचा ल राम मानथे, आस्था से ओखर पांव परथे। पुरातन काल ले छत्तीसगढ़ म राम ह मनखे मन के मानसपटल म भावनात्मक रूप ले जुड़े हे। उहें भगवान राम ह 14 साल वनवास के समय लम्बा समय छत्तीसगढ़ के धरती म गुजारे रहिन। वनवास के समय श्रीराम छत्तीसगढ़ के जेन जगा मन ले नहके रहिन ओला राम वन गमन पथ के रूप म विकसित करे के कार्य योजना बनाए गए हे, जेकर शुरूआत चंदखुरी ले हो गए हे।

राम वन गमन पर्यटन परपिथ के अंतर्गत जांजगीर चांपा जिला म शिवरीनारायण, बलौदा बाजार म तुरतुरिया, रायपुर म चंदखुरी अऊ गरियाबंद के राजिम म परिपथ के विकास कार्य के शुरूआत हो गए हे। अइसनहे राम वन गमन पर्यटन परिपथ म कोरिया जिला म सीतामढी हर-चौका, सरगुजा म रामगढ़, धमतरी म सप्तऋषि आश्रम, बस्तर म जगदलपुर, सुकमा म रामाराम संग करीबन 75 जमा गन के चिन्‍हारी करे गए हे। अब मुख्यमंत्री के हुकुम म छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी योजना राम वन गमन परिपथ ल विकसित करे के काम चालू हो गए हे। ये योजना ल मनखे मन के आस्था के मुताबिक बनाए गए हे एमा भगवान राम के पौराणिक धार्मिक कथा के मुताबिक पौराणिक महत्व के जगा मन ल मनखे मन देख के सुरता कर सकहीं। एकर से छत्तीसगढ़ के पावन धरती म पर्यटन तीर्थ स्थल विकसित होए के संगें-संग इहां रोजगार के साधन मन के विकास घलव होही। अंदरूनी दुर्गम वन क्षेत्र मन म सड़क परिवहन घलोक विकसित होही जेखर से कई आर्थिक गतिविधि मन के स्‍व संचालन होए लगही। देश अऊ दुनिया के आस्थावान मनखे मन रामायण सर्किट के धार्मिक तीर्थ यात्रा म निकलहीं त भगवान राम के ननिहाल के दर्शन घलोक करहीं।

लउछरहा..