गांव-गांव म खेल प्रतिभा भरे हे, उनला आघू लाए के हे

– धमेन्‍द्र निर्मल के रिपोर्टिंग
बुधवार 3 अप्रेल के अपन परिवारिक काम से मोला एक गांव जाए के मउका मिलिस। गांव के नाव हे रीवाडीह (भवानीपुर) थाना गिधपुरी तहसील पलारी जिला बलोदा बजार। रीवाडीह गांव खरोरा से वटगन भवानीपुर होवत नाहर पार होके जाए बर परिस। वो अइसे गांव हरे जिंहा जोन मनखे ल उहां काम रहिही उही जाही अउ ओला उहां ले उल्टा पांव लहुटे बर परही माने वो गांव के बाद अउ कोनो गांव नइहे। वो गांव ह महानदी के पार म बसे हे। पांच किलोमीटर नदी के फैलाव के ए पार ओ गाव अउ वो पार बार नवापारा के जंगल। वो गांव के म एक फसली खेती होथे। उहां धान के छोड़ दूसर फसल नइ होवय।
अभी गरमी म नदिया के रेती म कलिन्दर ककड़ी अउ खीरा लगे हे बाकी बेरा इहां के मनखे के जिनगी कंपनी म खटथे। जब वो गांव गएन त एक ठो अच्छा बात देखे बर मिलिस। गांव के बीच गुड़ी म एक ठो सांस्कृतिक भवन बरोबर मंच बने हावय। मंच म देखेन भिथिया म चारो मुड़ा सिल्डे-सिल्ड ओरमे हे। हम अपन आप ल नइ थाम सकेन। गांव के एक झिन लइका ल पूछेन जेकर नाव रिहिसे मलेश देवांगन ( मोबाइल नं. 91712-69311)।

– कस जी ए काए ?
– ए सब कबड्डी खेल के सिल्ड हरे।
– एला घर म नइ ओरमा के ए मेरन काबर ओरमाए हौ ?
– सबके घर म एकक ठो हावे, एमन सब उपरहा होए के बाद टांगे गे हे।
– कब से खेलत हावव ?
– हम तो बचपने से खेलत आवत हन।
– एकर छोड़ अउ का का खेल खेलथौ ?
– भइगे इहीच भर ल खेलथन।
– एकर अभ्यास कब कब करथौ ?
– जड़काला माने देवारी नाहके के बाद हमन सब एकर अभ्यास करना चालू कर देथन।
– अउ अइसे तीज तिहार म एला खेलथौ कि नहीं ?
– नहीं।
– अभ्यास करवाए बर कोनो गुरू हे ?
– नही, हमी मन अपन खेल खेल के अभ्यास कर लेथन।
– प्रतियोगिता के आयोजन कोन करवाथे ?
– हमी मन कबड़डी खेलइए खेलइया समिति बनाए हवन जेन मन गांव वाले मन के सहयोग ले ए कबड्डी प्रतियोगिता के आयोजन करथन।
– टीम कतेक असन आ जाथे ?
– अदाजन 35-40 टीम तो आइ जथे।
– त ए आयोजन ल तुमन कहां कोन स्तर तक के रखथौ ?
– गांव स्तर के रखथन जेमा रइपुर महासमुंद जिला के गांव वाले मन आथे।
– ए गांव स्तर के अलावा तुमन अउ कहां तक गए हौ ?
– एक पइत जिंदल (एस्सार) कोति ले दंतेवाड़ा इहां के छै खेलाड़ी गए रहेन, उहां हमार मन के चयन आगू बर नइ हो सकिस।
– एकर आयोजन तुमन बड़े स्तर म काबर नइ करव ?
– गांव के सहयोग ले गांवे स्तर तक कर पाथन आगू बर हमन नइ पूर सकन। चाहे बर चाहथन कि बड़े स्तर म होवय फेर एकर खातिर उचित सहयोग नइ मिल सकै।
– तैं का करथस ?
– मैं डिफेन्डर हौं।
– अउ एकात झन के नाम बताहू जेन तुंहार गांव म बने खेलथे।
– नरोत्तम दास अउ नूतन निषाद हे जेमन अच्छा सर्विस कर लेथे।

ये गांव म इंकर मन से मिल के अउ सील्‍ड मन के भरमार देखके लागिस के हमर छत्‍तीसगढ़ म हर प्रकार के प्रतिभा भरे हे। इनला प्रोत्‍साहन के जरूरत हे। सरकार या ये गांव के पास के कंपनी जिंदल (एस्सार) के सीएसआर विभाग ल ये गांव के लईका मन ल बने सहिन ट्रेनिंग देके एक कबड्डी टीम तैयार कराना चाही।

लउछरहा..