बिलासपुर म छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यवस्था रोका-छेका के शुरूआत होइस ग्राम लाखासार के गौठान ले

  • छत्तीसगढ़ के परंपरा कोति लहुटना हे -श्रीमती रश्मि सिंह
  • फसल नुकसान ल रोके बर जागरूक बनव- कलेक्टर डॉ.मित्तर

बिलासपुर 19 जून 2020। बोआई काम के पहिली खुला म चराई करत पशु मन उपर नियंत्रण बर छत्तीसगढ़ म प्रचलित प्रथा रोका-छेका के शुरूआत आज तखतपुर विकासखंड के ग्राम लाखासार के गौठान ले करे गीस। ये बेरा म तखतपुर विधायक श्रीमती रश्मि सिंह, कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर, जिला पंचायत बिलासपुर के अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री गजेन्द्र सिंह ठाकुर प्रमुख रूप ले उपस्थित रहिन।

गौठान म उपस्थित जनप्रतिनिधि, पशुपालक, गांव वाले मन अऊ अधिकारी मन, कर्मचारी मन ल पशु मन ले फसल ल बचाय बर कलेक्टर ह सामूहिक किरिया खवाइस। ये बेरा म विधायक श्रीमती रश्मि सिंह ह अपन संबोधन म कहिन के रोका-छेका अभियान छत्तीसगढ़ के परंपरा ल आगू बढ़ाने वाला प्रथा ये। छत्तीसगढ़ के अइसे परंपरा जऊन धीरे-धीरे लुप्त होवत हे ओला पुनर्जीवित करे के काम छत्तीसगढ़ सरकार ह करत जात हे। हमला अपन संस्कृति अऊ परंपरा कोति लहुटना हे।
कलेक्टर डॉ.सारांश मित्तर ह अपन संबोधन म कहिन के रोका-छेका पारंपरिक रूप ले खरीफ फसल के बोआई के पहिली होथे। खुला म पशु मन ल छोड़े ले ओ मन फसल ल नुकसान पहुंचाथें, जेखर से कृषि उत्पादन प्रभावित होथे अऊ किसान घलोक हतोत्साहित होथे। खेती के संवर्धन अऊ पशु मन के सुरक्षा बर प्रदेश सरकार ह रोका-छेका अभियान के शुरूआत करे हे। ये अभियान के प्रति किसान अऊ ग्रामीण जागरूक होही त खच्चित कृषि म लाभ होही।

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