सुग्‍घर परंपरा के माध्यम ले फसल ल बचाय के होही पहल, रोकाछेका के तैयारी

हर गांव म निभाए जाही रोकाछेका के परंपरा,
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश म हर गांव म होवत हे तैयारी
कलेक्टर ह विशेष ग्राम सभा बर दीन निर्देश

दुर्ग, 16 जून 2020। छत्तीसगढ़ी संस्कृति म हर अनुष्ठान अऊ परंपरा के उत्सवधर्मी पक्ष तो हवयच, एखर से घलोक बढ़के ये अर्थतंत्र ल सहेजे अऊ बढ़ाए बर प्रेरित हे। अइसनहे सबले महत्वपूर्ण परंपरा जऊन ग्रामीण क्षेत्र म मनाए जात रहिस, वो रोकाछेका के परंपरा हे। खरीफ फसल लगाय ले पहिली सबो गौपालक मन के बैठक गांव म होत रहिस, ओ मन ल किरिया खवाए जात रहिस के उमन अपन मवेशी मन ल कोठा, दइहान म रखहीं, ढिल्‍ला नइ छोड़यं, ताकि फसल सुरक्षित रहय। ये सुग्‍घर परंपरा धीरे-धीरे नंदावत जात रहिस। ये परंपरा के गहिर महत्व ल देखत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह सबो नागरिक मन ले पाछू दिन म गिलौली करे रहिन के हमर समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ल सहेजव जेखर से हमार बर आर्थिक समृद्धि के घलोक रद्दा खुल सकय। ये संबंध म मुख्यमंत्री के मंशा के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र मन म रोकाछेका के परंपरा ल सहेजे अउ एला आगू बढ़ाए बर सबो सरपंच मन ल कहे गए रहिन।

इही कड़ी म दुर्ग जिला के कलेक्टर सहेब ह सरपंच मन ल चिट्ठी म रोकाछेका के परंपरा के गोठ करत लिखिन के नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत हम मन ह पशुधन संवर्धन बर गौठान बनाए हवन, चारागाह बनाये हवन। एकर उद्देश्य ये हे के मवेशी फसल ल खराब झन करयं। एकर सेती सामूहिक गौठान के माध्यम ले हमन ग्रामीण क्षेत्र मन म अइसन सिसटम विकसित करे हवन के मवेसी मन ल एके जगा म रखे जा सकय, ऊंखर चारा के व्यवस्था करे जा सकय अऊ पशुधन संवर्धन घलोक हो सकय। रोकाछेका ह हमर ये उदीम ल सुफल करे एक बढि़या अवसर हमला देवत हे। कलेक्टर ह कहे हें के रोकाछेका रस्म के माध्यम ले सबो गांव वाले मन ल बांचा मनवाए जाए के वो मन अपन मवेशी ल गौठान म ही रखयं। रोकाछेका के माध्यम ले पहिली मवेसी मन ले फसल के रक्षा करे जात रहिस।

कलेक्टर के चिट्ठी मिले के बाद सबो सरपंच मन ह 19 जून के आयोजित होवइया रोकाछेका कार्यक्रम के तैयारी शुरू कर देहे हें। ग्राम पतोरा के सरपंच श्रीमती अजिता साहू ह बताइस के रोकाछेका ल बढ़ावा देना बहुत अच्छा काम हे। कहूं हम ध्यान नइ देबोन त अइसन परंपरा मन खतम हो जाहीं अऊ फसल के सामूहिक सुरक्षा बर बनाय गए तंत्र घलोक खतम हो जाही। अब एक पइत सबके आगू किरिया खाए के बाद कोनो अपन मवेशी ल ढिल्‍ला नइ छोड़ पाहीं।

रोकाछेका ल बढ़ावा ए खातिर– कहूं एनजीजीबी योजना के सार देखव त ये ह, पशुधन संवर्धन अऊ एखर माध्यम ले कृषि के विकास ले जुड़े हे। गौठानद मन म पशु मन ल रखके उंखर संवर्धन त होतेच हे, संगेच एखर से खड़ी फसल के रक्षा घलोक होवत हे। कहूं रोकाछेका के बात करन त ये एनजीजीबी के विचार ल आगू बढ़ाए के सबले प्रमुख जरिया ये। पशुधन ल गौठान म सहेज लेव, त वो खड़े फसल ल नष्ट नइ करहीं। पशुधन बर कहूं चारागाह म चारा मिल जाय त वो खड़ी फसल कोति नइ जाही। रोकाछेका म जऊन सामूहिक शपथ लेहे जाथे ओखर से सामुदायिक भावना घलोक दृढ़ होथे अऊ गांव के मनखे मिल जुल के ये निर्णय करत हें के हमार बर फसल के सुरक्षा सबले अहम हे।

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