रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहे हें के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांव के परिकल्पना के मुताबिक अब छत्तीसगढ़ के गांव आत्मनिर्भर बनत हे। लउहे गोबर ले बिजली उत्पादन करके अब छत्तीसगढ़ के गांव बिजली के मामला म घलोक आत्मनिर्भर बनही। उमन कहिन कि गोबर ले बिजली बनाए के शुरूआत तीन गौठान रायपुर, बेमेतरा अऊ दुर्ग जिला के एक-एक गौठान ले करे गए हे। एकर विस्तार सबो गौठान मन म करे बर कार्ययोजना तियार करे जात हे। श्री बघेल ह कहिन कि अब प्रदेश म मिशन मोड म गोधन न्याय योजना के संचालन करे जाही।
मुख्यमंत्री आज इहां अपन निवास कार्यालय म पशुपालक, गोबर संग्राहक मन ल गोबर खरीदी, लाभांश के रूप म अऊ महिला स्व-सहायता समूह मन अऊ गौठान समिति मन के खाता म कुल 7 करोड़ 36 लाख रूपिया के राशि के ऑनलाईन अंतरण करे के बाद कार्यक्रम ल सम्बोधित करत रहिन। ये बेरा म कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, कृषि विभाग के विशेष सचिव अऊ गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारती दासन उपस्थित रहिन।
मुख्यमंत्री ह 16 सितमबर ले 30 सितमबर तक खरीदे गए गोबर के एवज म पशुपालक अऊ गोबर संग्राहक मन के खाता म एक करोड़ 87 लाख रूपिया, लाभांश के राशि के रूप म अऊ महिला स्व-सहायता समूह ल 2 करोड़ 14 लाख रूपिया अऊ गौठान समिति मन ल 3 करोड़ 35 लाख रूपिया के राशि के अंतरण करिन। गोबर खरीदी के एवज म गोधन न्याय योजना शुरू होए के बाद अब तक 104 करोड़ 41 लाख रूपिया, लाभांश राशि के रूप म महिला स्व-सहायता समूह मन ल अऊ गौठान समिति मन ल कुल 62 करोड़ 92 लाख रूपिया के राशि के भुगतान करे गए हे। ये मां ले महिला स्व-सहायता समूह मन ल अब तक 25 करोड़ 2 लाख रूपिया अऊ गौठान समिति मन ल 37 करोड़ 90 लाख रूपिया के राशि के भुगतान करे जा चुके हे। गोधन न्याय योजना ले प्रदेश के 84 हजार 469 भूमिहीन मनखे घलोक लाभान्वित होवत हे।
मुख्यमंत्री ह ये बेरा म कहिन कि गौठान मन म महिला स्व-सहायता समूह अब वर्मी कम्पोस्ट बनाए तक सीमित नइ रहयं। गौठान मन म राज्य अऊ केन्द्र सरकार के योजना मन के मदद ले कई ठन रोजगारमूलक गतिविधि चालू करे जाही। गौठान मन म धान कूटे अऊ तेल पेराई के मशीन लगाए जाही अऊ लोहारी अऊ जूता निर्माण के उद्यम घलोक चालू करे जाही। उमन कहिन कि गौठान मन म जैविक खाद बनाए, सामुदायिक बाड़ी मन ले साग-भाजी, मशरूम के उत्पादन, मछली पालन, बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु-पालन, गोबर के दीया, गमला, अगरबत्ती निर्माण अऊ आन गतिविधि मन म 09 हजार 211 स्व-सहायता समूह जुड़े हें। ए गतिविधि मन ले 67 हजार ले जादा सदस्य मन ल आय होवत हे। स्व सहायता समूह मन के सदस्य मन ह ए गतिविधि मन ले अब तक 43 करोड़ 72 लाख रुपिया के आय प्राप्त कर लेहे हें। गोबर ले जैविक खाद बनाए के संग अब स्व-सहायता समूह बिजली बनाके घलोक आय प्राप्त करहीं। गौठान मन म उत्पादित होवइया बिजली सरकार कोति ले खरीदे जाही। उमन कहिन कि गोधन न्याय योजना के मिशन मोड म संचालन बर गोधन न्याय मिशन के गठन करे जात हे। जेखर तहत गौठान मन म जरूरी अधोसंरचना मन के निर्माण तेजी ले करे जाही। किसान मन, पशुपालक, स्व-सहायता समूह मन अऊ गौठान समिति मन के आय म बढ़ोत्तरी के उपाय करे जाही। गांव मन म बनत गौठान ह अवइया बेरा म पूरा राज्य के ताकत बनही।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ह कहिन कि गोधन न्याय योजना के संचालन अब मुख्यमंत्री के हुकुम के मुताबिक मिशन मोड म करे जाही। महिला स्व-सहायता समूह अब केवल वर्मी कम्पोस्ट बनाए तक सीमित नइ रहयं। रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना के तहत कई ठन आयमूलक गतिविधि चिन्हित करके गौठान मन म चालू करे जाही। उमन कहिन कि राष्ट्रीय स्तर म गोधन न्याय योजना के सराहना करे जात हे। हर 15 दिन म गोबर खरीदी के राशि के भुगतान करे जात हे। ये योजना के संचालन बर कृषि विभाग ल नोडल विभाग बनाए गए। ये योजना ल अऊ जादा गति प्रदान करे बर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मन ल घलोक एखर से जोड़े जाही।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ह कार्यक्रम म कहिन कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 250 गौठान मन म कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर चालू करे जाही, एखर बर हर एक गौठान ल 8 लाख रूपिया के राशि देहे जाही, एखर से उहां मिनी राईस मिल संग दाल, खाद्य तेल, मुर्रा, मसाला, तीखुर प्रोसेसिंग के इकाईयां लगाए जाही। अइसनहे 2 हजार गौठान समिति मन ल कई ठन उपकरण के व्यवस्था बर 20-20 हजार रूपिया के राशि देहे जाही। उमन बताइन के हरियर चारा विकास बर 50 लाख रूपिया के राशि रखे गए हे। चुने गए आदिवासी बहुल विकासखण्ड म 3-3 करोड़ रूपिया के राशि ले सेटेलाईट हेचरी विकसित करे जाही। उमन बताइन कि गोधन न्याय योजना के माध्यम ले प्रदेश के एक लाख 81 हजार ले जादा पशुपालक लाभान्वित होवत हे। प्रदेश म 10 हजार 501 गौठान के स्वीकृति देहे गए हे, जेमां ले 7 हजार 460 गौठान बन गे हे। गोधन न्याय योजना म अब तक 52 लाख 21 हजार क्विंटल गोबर के खरीदी करे गए हे।