सरस्वती बाई साहू ल गोबर बिक्री ले अब तक होइस 44 हजार रूपिया ले जादा के मुनाफा

गोधन न्याय योजना लावत हे सकारात्मक बदलाव

धमतरी, आज गोधन न्याय योजना हितग्राही मन के जीवन म सकारात्मक बदलाव के बड़का ज़रिया बन गए हे। प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल ह दू साल पहिली ये योजना के शुरुवात करे रहिन। तब कोनो ल भरोसा नइ रहिस कि मवेसी के गोबर ल घलोक खरीद के खाद बनाके बेचे के अलावा आन प्रयोजन मन म घलव एकर व्यापक रूप ले उपयोग करे जाही। गोधन न्याय योजना ह मगरलोड के आमाचानी के सीमांत कृषक परिवार म घलोक अइसनहे बदलाव लाए हे। श्रीमती सरस्वती बाई साहू बताथे कि ओखर छोटकुन परिवार खेती-बाड़ी उपर निर्भर हे। पति श्री याद राम साहू संग पुत्र महेंद्र, बहु अऊ एक तीन साल के पोता हे। परिवार किसानी करत हे, त वाजिब हे घर म पशु घलोक एखर बर रखे गए हे। गोधन न्याय योजना शुरू होए ले पहिली घर के मवेसी मन के गोबर के कोनो हिसाब-किताब नइ रहिस, ना ही गोबर सकेले म कोनो खास जतन करे गीस। फेर गोधन न्याय योजना शुरू होए ले ए मवेसी मन के गोबर के महत्व बाढ़ हे। अब ओ मन अपन आठ मवेसी मन के गोबर गांव के ’जय शीतला गौठान’ म सरलग बेचत हें। एखर एवज म हर 15 दिन म ऊंखर बैंक खाता म पइसा घलोक बेरा म आ जाथे।

आमाचानी स्थित जय शीतला गौठान म पहिली चरण म जुलाई 2020 म ही गोबर खरीदी शुरू हो गए रहिस। नतीजन अब तक श्रीमती सरस्वती बाई ह 22 हजार 112 किलो गोबर बेचे हे अऊ एखर कीमत 44 हजार 224 रुपए घलोक वोखर खाता म आ गे हे। ये आमदनी ह पूरा परिवार ल काफी सुकून देहे हे। सबले पहिली श्रीमती साहू ह एकर उपयोग जर्सी गाय बिसाए म लगाइस। साल 2020 म दीपावली के बेरा म वो ह एक उन्नत नस्ल के जर्सी गाय खरीदीस। ये गाय औसतन 6 ले 8 लीटर दूध देथे, जेखर से ओ मन ल मासिक 12 ले 14 हजार रुपिया के आमदनी होवत हे।

एखर ले बड़े बात ये के अइसन पहली पईत होए हे कि ये परिवार ह राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ साल 2020-21 म आधा एकड़ जमीन के पंजीयन कराइस, फेर पूरा एक एकड़ म सुगंधित धान ’पूसा बासमती’ के फसल उगाईस। ये मां गौठान ले खरीदे पांच कुंटल वर्मी खाद के उपयोग करके जैविक तरीका ले धान उत्पादित करिस। एखर से पहली पईत 24 कुंटल बासमती धान के फसल खेत म लहलहाईस। श्रीमती सरस्वती बाई के बेटा श्री महेन्द्र साहू बताथे कि ये सुखद अनुभव रहिस, काबर के स्थानीय बाजार म ये सुगंधित धान हाथों-हाथ बिक गीस। उमन पूरा धान ल नइ बेचिन, कुछ अपन घर बर घलोक रख लीन। ओ मन खुश होके मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साधुवाद करत हें, जेकर सेती आज सरस्वती बाई के पूरा परिवार किसानी ले हटके आन स्त्रोत ले घलोक मुनाफा कमावत हे। काबर के किसानी तक सीमित परिवार के आमदनी के दायरा अऊ ज़रिया अब बाढ़ गए हे।

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