नवा शिक्षा सत्र म लइका मन अऊ शिक्षक मन ल स्कूल शिक्षा मंत्री के संदेश

शिक्षा जिम्मेदार नागरिक निर्माण के नींव – डॉ. प्रेमसाय सिंह

रायपुर, स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति, जनजाति अऊ आन पिछड़ा वर्ग मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ह नवा शिक्षा सत्र बर सबो लइका मन अऊ शिक्षक मन ल शुभकामना देहे हें। उमन आज इहां जारी संदेश म कहिन कि नव प्रवेशी लइका शैक्षणिक जीवन के शुरूआत करे जात हे। उन्‍हें कई लइका अगले कक्षा म प्रवेश करके अपन कैरियर अऊ लक्ष्य कोति कदम बढ़ावत हे। ये ऊंखर जीवन म सकारात्मक बदलाव के समय ये।

स्कूल शिक्षा मंत्री ह नवा सत्र बर लइका मन अऊ शिक्षक मन ल शुभकामना देवत कहिन कि ये सत्र आप मन बर खुसी के अनगिनत पल लेके आवय, सबो प्रगति के सोपान गढ़व। सत्र के सुरता अगले सत्र ल अच्छा बनाही। बुनियादी शिक्षा ले एक अच्छा नागरिक, संस्कारपूर्ण अऊ शक्तिशाली राष्ट्र के सृजन होथे।

डॉ. प्रेमसाय सिंह ह कहिन हे कि शिक्षा ले समाज, प्रदेश अऊ राष्ट्र के विकास होथे। स्कूल शिक्षा देश के जिम्मेदार नागरिक के निर्माण के नींव होथे। उमन कहिन कि लइका मन ल बेहतर अऊ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देवाना हम सबके जिम्मेदारी ये। कोनो लइका शिक्षा ले वंचित झन रहय।

डॉ. सिंह ह पालक मन ले आग्रह करिन कि ओ मन अपन लइका मन ल स्कूल खच्चित भेजयं। छै ले चौदा साल तक के कोनो लइका शिक्षा के अधिकार ले वंचित ना हो, ये जिम्मेदारी सिरिफ पालक अऊ शिक्षक मन के ही नहीं भलुक समाज के सबो वर्ग के हे। शिक्षा के मुख्य धारा ले छूटे लइका मन ल घलोक प्रवेश देवाना सबके नैतिक जिम्मेदारी ये।

स्कूल शिक्षा मंत्री ह कहिन कि सरकार से शिक्षा के अधिकार अंतर्गत अभी तक केवल आठवीं कक्षा तक के पढ़ईया लईका मन बर निःशुल्क शिक्षा अऊ पाठ्य पुस्तक के व्यवस्था करे जात रहिस। अब ये सुविधा कक्षा 9 वीं ले 12 वीं तक के पढ़ईया लईका मन ल घलोक देहे जाही। राज्य सरकार हर लइका तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के आसान पहुंच सुनिश्चित करे बर हर प्रकार के व्यवस्था करत हे। उमन कहिन हे कि राज्य म स्कूली शिक्षा के अधोसंरचना मन के विकास अऊ विस्तार के संग स्कूल मन म अध्ययन-अध्यापन के सबो जरूरी सुविधा मन बर महत्वपूर्ण कदम उठाये जात हे।

डॉ. प्रेमसाय सिंह ह कहिन कि साक्षरता दर शत-प्रतिशत करे के संगेच हरेक लइका ल शिक्षा प्रदान करना सरकार के उद्देश्य हे। शिक्षक घलोक अपन दायित्व मन के निर्वहन करयं। नौनीहाल मन के भविष्य गढ़े के जवाबदारी शिक्षक मन उपर जादा होथे।

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