रायपुर, 04अगस्त 2020। छ्त्तीसगढ़ म भगवान राम के वनवास काल ले संबंधित जऊन स्थान मन ल पर्यटन-तीर्थ के रूप म विकसित करे जात हे, ओमां कोरिया जिला के सीतामढी-हरचौका अऊ सरगुजा के रामगढ़ घलोक सामिल हे। एमां ले रामगढ़ के प्रसिद्धि विश्व के प्राचीनतम नाट्यशाला बर घलोक हे। महाकवि कालिदास ह अपन कालजयी कृति मेघदूतम् के रचना इहें करे रहिन।
वनवास के समय भगवान राम ह कोरिया जिला ले ही छत्तीसगढ़ म प्रवेश करे रहिन। भरतपुर तहसील के जनकपुर म स्थित सीतामढ़ी-हरचौका ल ओखर पहला पडा़व माने जाथे। मवाई नदी के करार के सीतामढ़ी-हरचौका के गुफा म 17 कुरिया हे। एला सीता के रसोई के नाम ले घलोक जाने जाथे। उहां एक शिलाखंड हे जऊन ल मनखे भगवान राम के पद-चिन्ह मानथें। मवाई नदी तट म स्थित गुफा ल काट के 17 कक्ष बनाय गए हे, जेता शिवलिंग स्थापित हे। इही जगा ल हरचौका (रसोई) के नाम ले जाने जाथे। भगवान राम हरचौका ले रापा नदी के तट म स्थित सीतामढ़ी-घाघरा पहुंचे रहिन। इहां करीब 20 फीट ऊपर 4 कुरिया वाले गुफा हे, जेखर बीच म शिवलिंग स्थापित हे। आगू के यात्रा म ओ मन घाघरा ले निकलके कोटाडोला होत सरगुजा जिला के रामगढ़ पहाड़ी पहुंचे रहिन। ये अम्बिकापुर- बिलासपुर मार्ग म स्थित हे। एला रामगिरि घलोक कहे जाथे। महाकवि कालिदास के मेघदूतम् म इही जगा के दृश्य मन के अंकन होय हे। वनवास के समय श्रीराम ह पत्नी सीता अऊ भाई लक्ष्मण के संग इहां कुछ दिन बिताये रहिन। एखर सेती उहां स्थित गुफा ह लोक म ओही के नाम ले जाने जाथे। राम के तपस्वी वेश के सेती एक के नाम जोगीमारा, दूसर के सीता बेंगरा अउ एक आन के लक्ष्मण गुफा पर गीस।
भगवान राम के वनवास काल ले संबंधित स्थान मन के पर्यटन-तीर्थ के रूप म विकास मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी परियोजना हे। एखर बर राम वन गमन परिपथ तियार करे जात हे। शासन ह राम ले संबंधित 75 स्थान मन के चयन करे हे। पहिली चरण म एमां ले 9 स्थान मन के सौंदर्यीकरण अउ विकास करे जात हे। एखर बर 137 करोड़ 45 लाख रूपिया के कार्ययोजना तियार करे गए हे। ये परिपथ म बनेच सड़क समेत कई प्रकार के नागरिक सुविधा घलोक विकसित करे जाही।