सुपोषण अभियान ले लहुटिस नान्हे दादू के मुस्कान

रायपुर, 28 जनवरी 2020। सुपोषण अभियान ले अब लइका मन के चेहरा के रौनक अऊ मुस्कान लहुटे लगे हे। हंसत खिलखिलात इही नान्हे लइका मन म रायपुर जिला के ग्राम पलौद के बालक यादराम घलोक सामिल हो गए हे। कुपोषण ल हराके अब ओ हर सुपोषण कोती अपन पांव बढ़ावत हे।

नवा रायपुर क्षेत्र के ग्राम पलौद निवासी श्री उमाकांत पटेल अऊ श्रीमती उर्मिला पटेल के बेटा यादराम जऊन ल घर म सबो मया म दादू बलात रहिन, जनम के बेरा वो ह ठीक रहिस, फेर उचित पोषण नइ मिले ले 4-5 महीना म ही गंभीर रूप ले कुपोषित हो गीस। श्रीमती उर्मिला ह बताइस कि दादू ओखर पहिली लइका ये। मां के दूध कम आए अऊ ठीक ले खाना नइ खाए के सेती लइका बहुत कमजोर हो गए रहिस। लइका यादराम के जनम के बाद सेक्टर पर्यवेक्षक सुश्री आशा पात्रे ऊंखर घर गृह भेंट बर गीस। लइका ल देखिस अऊ ओखर वजन लेहे म पता चलिस कि लइका गंभीर रूप ले कुपोषित हे। दादू के परिवार ह बताइस कि वो घेरी-बेरी बीमार परत हे, खेले म रूचि नइ लेवय, ओखर देंह घलोक खड़भुसरा रहिथे। ए खातिर ओला चिन्हांकित करके सेक्टर पर्यवेक्षक ह अपन निगरानी म ले लीस।

सुश्री पात्रे ह बताइस कि 2 अकटूबर गांधी जयंती के बेरा म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कुपोषण ले मुक्ति के संकल्प लेके ‘मुख्यमंत्री सुपोषण योजना‘ के शुरूआत करिस। अभियान के तहत शून्य ले 5 साल तक के चिन्हित लइका मन ल सुपोषित करे बर विशेष अभियान चलाए जात हे। गंभीर रूप ले कुपोषित दादू ल घलोक ये योजना म सामिल करे गीस। दादू ल सुपोषित श्रेणी म लाना एक चुनौती रहिस काबर के शुरूआत म लइका के खाए म रूचि नइ रहिस अऊ ओखर मां घलोक रोज आंगनबाड़ी केन्द्र नइ आत रहिस। सुश्री पात्रे ह बताइस कि महिला अउर बाल विकास विभाग के संचालक श्री जन्मेजय महोबे ह खुदे आंगनबाड़ी केन्द्र आके व्यवस्था मन के जायजा लीन अऊ लइका मन ल सुपोषित श्रेणी म लाय बर मन लगाके मेहनत करे के हुकुम दीन। दादू ल सुपोषित करे बर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती अनिता पटेल ह पूरा मेहनत अउ लगन ले काम करिस।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यादराम के घर जाके ओला रोजे भिनसरहा के नाश्ता म एक केला, 2 बिस्कुट, 100 ग्राम दूध के एक पैकेट देहे लगिन। मंझनिया म मां अउ लइका ल आंगनबाड़ी केन्द्र म भोजन अउ माता ल चिकी के पैकेट अऊ संझा के नाश्ता म पौष्टिक लड्डू दे गीस। परिवार ल सुपोषण के महत्व समझाए अऊ सरलग उदीम ले स्थिति म बदलाव आना शुरू हो गीस। धीरे-धीरे लइका के कार्यकर्ता ले स्नेह घलोक बाढ़े लागिस वो खुदेच कार्यकर्ता के आए के अगोरा करय अऊ अपन मां ले कहय ‘मोला जल्दी तियार करव मोर मैडम आतेच होही‘। दादू के वजन बाढ़े लगिस, तब पूरा परिवार ह घलोक रूचि दिखाईस। धीरे-धीरे लइका गंभीर ले मध्यम कुपोषित श्रेणी म आ गीस। मौसम के खराबी अउ ठंड म फेर दादू के तबीयत खराब हो गीस तब कार्यकर्ता ह ओखर उचित स्वास्थ्य जांच अऊ देखभाल करिस एखर से ओखर वजन नइ घटिस। अब दादू मध्यम कुपोषित ले सामान्य के श्रेणी म आ गए हे, एखर खुशी दादू के पूरा परिवार के संग आंगनबाड़ी के पूरा स्टॉफ ल घलोक हे। अब दादू बीमार नइ परय, सुस्त नइ रहय। दादू हंसत-खेलत रहिथे, ओखर देंह जउन ख्‍ड़भुसरा रहिस तेन म चमक आ गे। दादू के मां के कहना हे मुख्यमंत्री सुपोषण योजना वोखर लइका बर वरदान साबित होइस।

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