कोण्डागांव: चियोर बहार नरवा विकास ले कावड़गांव के किसान मन ह बदलिन अपन तकदीर

कोण्डागांव, राज्य शासन के महत्वकांक्षी नरवा विकास योजना ले किसान मन ल अड़बड़ फायदा मिलत हे। जानबा हे के दक्षिण कोण्डागांव वनमंडल ह कैम्पा मद के वार्षिक कार्ययोजना 2021-22 म वनाच्छादित क्षेत्र ले निकलइया चियोर बहार नाला म नरवा उपचार के काम करे गीस। काकड़गांव के गांव वाले मन के सक्रिय सहभागिता ले वन प्रबन्धन समिति ह चियोर बहार नाला के पुनर्जीवन के काम ले किसान मन ह सिंचाई के लाभ लेके अपन तकदीर बदले हें। डीएफओ श्री आरके जांगड़े ह नरवा विकास के बारे म बताइस कि चियोर बहार नाला-2 म 2 करोड़ 45 लाख रूपिया के लागत ले कुल 40919 जलसंरक्षण अउ जल संवर्धन संरचना के निर्माण कराए गए हे। जेखर तहत् चियोर बहार नाला के 7 किलोमीटर परिधि क्षेत्र म 1100 हेक्टयर जल संग्रहण क्षेत्रफल म 298 लूज बोल्डर चेकडेम, 143 ब्रशवुड चेकडेम, 11 गेबियन संरचना, 35680 कन्टूर ट्रैंच के संगेच 9 डाइक, तालाब गहरीकरण, परकोलेशन टैंक आदि बनाए गए हे। जेखर से नाला म बने जल संरक्षण संरचना म उपलब्‍ध पानी के उपयोग सिंचाई बर करे जात हे। इही कड़ी म चियोर बहार नाला-2 म कक्ष नंबर आरएफ 574 म 15 मीटर लम्बा अउ 60 मीटर ऊंच बने कांक्रीट डाईक म करीबन 1800 क्यूबिक मीटर पानी सकलाए हे।
ये जल संरक्षण संरचना के तीर 2 हेक्टेयर किसानी के जमीन म किसान सोमीराम खरीफ म उड़द के खेती संग रबी म मक्का अउ साग-सब्जी के पैदावार लेवत हे। सोमीराम सिंचाई के साधन सुलभ होए ले खुस होके बताइस के पहिली ओ जमीन म बरसा के समय सिरिफ मक्का के खेती करत रहिस। फेर अब 3 हार्सपॉवर के बिजली पंप ले सिंचाई करके 2 हेक्टेयर रकबा म रबी फसल के तहत मक्का संग भिन्डी, बैंगन, कद्दू, ग्वारफल्ली जइसे साग-सब्जी के खेती ले आय म बढ़ोतरी करत हे। एकर से क्षेत्र के आन किसान मन बर वो ह प्रेरणा स्त्रोत बन गए हे। अब ये गांव के किसान महेश अऊ फगनू घलोक एक एकड़ अऊ आधा एकड़ किसानी जमीन म मक्का अउ साग-सब्जी के खेती करत हे। एखर संगेच गांव के करीब 10 किसान मन रबी म मक्का अउ सब्जी के खेती करे जात हे। उहीं गांव वाले मन के सहभागिता ले वन प्रबन्धन समिति जल संरक्षण संरचना म पउर साल ले मछलीपालन करके समिति के आय म ईजाफा करत हे। वन प्रबन्धन समिति काकड़गांव के अध्यक्ष श्री विजय नाग ह बताइस कि चियोर बहार नरवा विकास काम मन ले ये क्षेत्र के किसान मन अउ गांव वाले मन म खुशहाली ला देहे हे। एकर से अब ये क्षेत्र म हरियाली के बयार आ गए हे।

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