खैरागढ़, 24 सितंबर 2020। एसो के किसानी के बारे म कतेक ल लिखबे। हाथ म पिरा घलो अमा जथे। मै बात करत हवव खैरागढ़ छेत्र के। खैरागढ़ के चारो मुड़ा छेत्र म सोयाबीन के फसल ह तो बड़ सुग्घर दिखत रहिस हे। सिरतोन बात कहव त जतेक भी सोयाबीन पोक्खाए रहिस सब पोंची होवत जावत हे। एकात हप्ता म लुए के समय घलोक हो जतीस। अऊ किसान मन लुही घलो। लेकिन रहि रहि के पानी गिरत हे तेखर मारे हरहुना सोयाबीन खराब होवत हे । ए समय पाना मन पकला घलोक गेहे। समय रिहिस हे बस सोयाबीन ल लु मींज के कोठी म डारे के। लेकिन सोयाबीन के स्थिति ल देखबे त खेत म जाय के मन घलोक नई करय। अभी के हालत ह गरीबी म आटा गिला वाले कहावत कस होगे। सिरतोन बात तो हरय। कुछ समय पहिली सोयाबीन डिंगडिंग ले खड़े रिहिस। अब अऊ देखबे त सोयाबीन पेड़ म खराब होवत हे। याने एक तो सबो डहर कोरोना ह कहर मचाए हे अऊ दुसर तरफ फसल ह बरबाद होवत हे। कोरोना के मारे किसान कहिबे त व्यापारी मन सब मुड़ धरके रोवत हे। पऊर साल तो चना एको कनी नई होईस तेखर मार ल किसान मन अभी तक झेलत हे । ओखर पुरती ल करे बर बहुत समय लग सकत हे। एक तो कोरोना के मारे घर ले निकले ल नई भावत हे तभोच ले किसान मन कईसनो करके सोयाबीन ल बो डरे रिहिस। अब तो अईसे होगे हे कि सोयाबीन होए हुवाए म खराब होवत हे। किसान मन सोयाबीन फसल बरबाद के मुआवजा दे के मांग घलो करत हे।
दिनेश साहू, बाजार अतरिया