महिला स्व-सहायता समूह के महिला मन गढ़त हें आत्मनिर्भता के कहानी

बलरामपुर-रामानुजगंज, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह छत्तीसगढ़ के ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल नवा दिशा देहे के उद्देश्य ले छत्तीसगढ़ म सुराजी गांव योजना ल शुरू करे रहिन। आज एखर नतीजा घलोक देखे ल मिलत हे। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र के महिला मन न सिरिफ नवा रोजगार म हाथ आजमावत हें भलुक स्वावलंबन के नवा कहानी घलोक लिखत हें। पहिली छोटे छोटे जरूरत मन ल पूरा करे बर घर के पुरुष सदस्य मन उपर निर्भर रहइया ग्रामीण महिला मन अब आर्थिक रूप ले सशक्त होवत हें अऊ संभावना के नवा दुवारी खोलत हें।
अइसनेच एक कहानी हे छत्तीसगढ़ के उत्तरी छोर म बसे बलरामपुर-रामानुजगंज जिला के । इहां के प्रगति महिला स्व-सहायता समूह के महिला सदस्य मन ह पाछू तीन बछर म गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट, घर ले निकलइया कचरा ले खाद बनाके अउ सामुदायिक बाड़ी विकास के काम मन ले करीब 37 लाख 17 हजार रुपए कमाये हें।
प्रगति स्व सहायता महिला समूह के 28 महिला मन अब तक 3 हजार 724 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद के उत्पादन करे हें, जेमां ले 3 हजार 631 क्विंटल वर्मी खाद के विक्रय करे हें, जेखर से कुल 36 लाख 31 हजार 700 रूपिया के आय होए हे। ये आय ले स्व-सहायता समूह ल 9 लाख 58 हजार 200 रूपिया के मुनाफा होय हे।

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