प्रदेश म बीते दो महिना म 12,700 मनखे मन के मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन

  • जन्मजात मोतियाबिंद ले पीड़ित 53 लइका मन के घलोक सफल ऑपरेशन
  • देखे म धुंधरा देखई या परखर नई दिखे के, तीर के चीज नइ दिखे के तकलीप, आंखी चकचकासी, दू ठन दिखे के तकलीप अऊ चश्मा के नंबर म उदुपहा बदलाव आना मोतियाबंद के लक्षण
  • मोतियाबिंद ऑपरेशन ले दू बहिनी मन के आंखी के अंजोर लहुटिस दू साल ले दृष्टिहीन जइसे जीवन जीए ल रहिन मजबूर

रायपुर, प्रदेश म पाछू दू महीना म 12 हजार 700 मनखे मन के मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन करके उंखर दृष्टि लहुटाए गीस। ये बेरा म जन्मजात मोतियाबिंद ले पीड़ित 53 लइका मन के घलोक सफल ऑपरेशन करके उंखर जीवन रोशन करे गीस। स्वास्थ्य विभाग कोति ले चलाए जात मोतियाबिंद ऑपरेशन अभियान के अंतर्गत कोंडागांव के वनांचल के कुम्हारबड़गांव के दू सियान महिला मन के ऑपरेशन करके ऊंखर जीवन म दुबारा अंजोर बगराए गए हे। ये दुनों बहिनी मोतियाबिंद के सेती बीते दू बठर ले दृष्टिहीन जइसे जीवन जीए बर मजबूर रहिन
स्वास्थ्य विभाग म अंधत्व निवारण समिति के प्रभारी संचालक डॉ. सुभाष मिश्रा ह बताइस कि अधिकतर मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित होथे। शुरूम दृष्टि प्रभावित नइ होवय, फेर समय के संग ये देखे के क्षमता ल प्रभावित करथे। एखर सेती मनखे अपन रोज के सामान्य गतिविधि मन ल घलोक नइ कर पाए। मोतियाबिंद के लक्षण म दृष्टि म धुंधलापन या अस्पष्टता, बुजुर्ग मन म निकट दृष्टि दोष म निरंतर बढ़ोतरी, दिन के समय आंखी चौंधियाना, दोहरी दृष्टि (डबल विजन) अऊ चश्मा के नंबर म अचानक बदलाव आना प्रमुख हे।
डॉ. मिश्रा ह बताइस कि राज्य शासन ह 2025 तक मोतियाबिंद ले दृष्टिहीनता ल दूर करे के लक्ष्य रखे हे। एखर बर हर साल करीब एक लाख ले जादा मनखे मन के मोतियाबिंद के ऑपरेशन होना हे। हर साल कार्निया ट्रांसप्लांट के माध्यम ले करीब 200 मनखे मन ल आंखी के रोशनी देेह जाथे। ये साल बीते दू महीना अपरेल अऊ मई म प्रदेश म 12 हजार 700 मनखे मन के मोतियाबिंद के सफल ऑपरेशन होए हे। उहें चिरायु दल ह चिन्हारी करे गए 79 जन्मजात मोतियाबिंद पीड़ित लइका मन म ले 53 लइका मन के सफल ऑपरेशन करे गए हे।
कोंडागांव के वनांचल के कुम्हारबड़गांव के दू सियान महिला मन के घलोक रोशनी मोतियाबिंद ऑपरेशन के संग लहुटाए गए हे। ये दुनों बहिनी मन पाछू दू बछर ले देख नइ सकत रहिन। ऑपरेशन के बाद दूनो बहिनी वापस अपन सामान्य जीवन जीए लगे हें। शिक्षा अउ जानकारी के अभाव म अधिकांश ग्रामीण क्षेत्र मन म मोतियाबिंद अउ एखर से जुड़े जागरूकता के कमी हे। एखर चलते मनखे मन धीरे-धीरे अपन आंखी के रोशनी गवां बईठथें।

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