सुलोचिनी के संघरा परिवार बर पेयजल अऊ अकतहा आमदनी के जरिया बनिस कुंआ

बैकुण्ठपुर, दिनांक 27/11/20। गांव के मुख्य सड़क ले दूरिहा घर बनाके रहइया एक आदिवासी परिवार बर रोजे के उपयोग के पानी अऊ पेयजल के आपूर्ति दुनों एक बड़का चुनौती बन गए रहिस। 17 मनखे मन के संयुक्त आदिवासी परिवार तीर पानी के कोनो स्थायी साधन नइ होए ले पेयजल के किल्लत रहिस, संगेच निस्तार बर घलोक रात-बिरात अड़बड़ दूरिहा पानी लेहे जाए परत रहिस। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत साल 2017 हमर गांव हमर योजना के तहत पहुंचे दल ल समस्या बताके एखर निदान पवइया ये परिवार ल महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत मिले कुंवा ह दूनो समस्या मन ले निजात देवा दीस। सुलोचिनी देवी के परिवार अब संयुक्त रूप ले अपन दैनिक उपयोग बर कुंवा के बारहमासी उपयोग करत हे अऊ अब ये परिवार अपन कुंवा के तीर के खेत अऊ बारी मन म मेहनत करके फसल अऊ आलू प्याज टमाटर मूली जइसे साग-भाजी लगाके हर साल 25 ले 30 हजार रूपिया के अकतहा आमदनी घलोक कमाए लगे हे।
मनेन्द्रगढ़ जनपद पंचायत के गांव बिछली जेन ग्राम पंचायत डंगौरा के एक आश्रित गांव हे उहां श्रीमती सुलोचिनी के परिवार रहिथे। ये परिवार म सुलोचिनी देवी के बेटा सुखीराम, गजरूप सिंह अऊ रामधन के परिवार के कुल 17 सदस्य एक संग रहिथे। इहां ऊंखर घर के तीर करीबन 3-4 एकड़ कृषि जमीन हे जेन बरसा के आश्रित हे। तीन साल पहिली ग्राम पंचायत म हमर गांव हमर योजना के तहत पहुंचे दल के सदस्य मन ल ये परिवार ह अपन प्रमुख समस्या जल के बारे म अवगत कराइन। ग्राम पंचायत म काम मन के सूची बनाए के समय ये परिवार बर कुंए के मांग ल सूची मं जोरे करे गीस अऊ ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार म जिला पंचायत ले साल 2017 म ही इंकर बर एक लाख 80 हजार के कुंआ स्वीकृत करे गीस। तकनीकी सहायक श्रीमती अंजु रानी के देखरेख म साल 2018 म जनवरी महिना ले ये कुंवां के निर्माण काम चालू होइस अऊ जून म पूरा कर ले गीस। मनरेगा के तहत कुंआ बन जाय ले अब सुलोचिनी देवी के ये परिवार अब पेयजल अऊ सिंचाई के साधन के रूप म कुंवां ले अपन दैनिक जरूरत मन बर आत्मनिर्भर हो गए हे।

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