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अब राजा के बेटा राजा नहीं, राजा उही बनही जेन हकदार होही

कांकेर, एक फ़िलिम के डायलॉग हे “अब राजा के बेटा राजा नइ बनही, राजा उही बनही जेन हकदार होही” । भले ये फिल्मी डायलॉग ये फेर छत्तीसगढ़ म स्‍वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना एला सही साबित करत हे। ये योजना ह साबित कर देहे हे कि बेहतर शिक्षा म सबो के हक हे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जब कांकेर के नरहरदेव शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल पहुँचिन त उंखर से दो सिंगल मदर आभार जतात भावुक हो गीन ।
केस 1- मैं गुपचुप के ठेला लगाथंव।आमदनी मुश्किल से 50 रूपिया दिन के हे। एखर पहिली घर घर जाके काम करत रहेंव, लॉक डाउन म वो घलोक छूट गे। ससुराल वाले दहेज बर प्रताड़ित करत रहिन। पति शराब पीके मारपीट करत रहिस, अतीक दुख देहे कि याद घलोक नइ करना चाहंव। रूपा अपन कहानी बतात रो दीस। ओ ह आगू कहिस के आपे मन बताइव 15 सौ रूपिया महीना म का घर चलावं का अपन लइका मन ल पढ़ावं। मैं जब ठेला लेके निकलथंव त लइका मन घर म रहयं एखर व्यवस्था घलोक करना परथे। एक दिन कबाड़ी वाले ले तीन सौ रूपिया म एक टीवी बिसाएवं ताकि लइका घर म बिजी रहयं अऊ मैं काम म जा सकवं।

केस 2- मुनिका के कहानी घलोक रूपा के जइसे हे। वो ह अपन पति ले घरेलू हिंसा ले पीड़ित हे। चार साल पहिली पति ह अकेला छोड़ दीस। पूरा बूढ़वा माता पिता उपर वो ह निर्भर हे। वो ह बताईस के कम उमर म मोर हार्ट के ऑपरेशन हो गए हे ते पाए के मेहनत के काम नइ हो पावय। दू हजार रूपिया महीना के दवई लगथे। प्राइवेट स्कूल म लइका मन के फीस पटा नई पाएवं त उहां ले निकाल लेहेवं।
कांकेर म नरहरदेव शासकीय उत्कृष्ट हायर सेकेंडरी स्कूल आर्थिक रूप ले कमजोर लइका मन बर वरदान साबित होव हे। रूपा अऊ मुनिका के दुख म स्‍वामी आत्मानन्द इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना ह मरहम लगाए हे। रूपा अऊ मुनिका दुनों के कहना हे कि हमर आर्थिक अऊ पारिवारिक स्थिति अइसन नइ हे कि लइका मन ल महंगा इंग्लिश मीडियम स्कूल म पढ़ा सकन। इहां ले पहिली जेन स्कूल म लइका मन ल पढ़ावत रहेन वो नाम भर बर ही इंग्लिश मीडियम स्कूल रहिस। इहां एडमिशन के बाद लइका फर्राटेदार अंगरेजी म बात करत हे। अभी समर कैम्प म एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटी घलोक सिखाए गए हे। लइका मन ल सेल्फ डिफेंस घलोक सिखावत हें।

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