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टसर कृमि पालन बनिस आजीविका के साधन

बीजापुर, ग्रामोद्योग विभाग कोति ले कई ठन योजना मन के माध्यम ले गांव वाले मन ल आजीविका ले जोड़के उंखर सामाजिक अउ आर्थिक स्थिति ल बेहतर बनाए के प्रयास करे जात हे। ग्रामोद्योग के रेशम प्रभाग कोति ले संचालित टसर कृमि पालन योजना ग्रामीण क्षेत्र मन म गरीब परिवार के आजीविका के जरिया बन गए हे। राज्य के बीजापुर जिला म घलोक ग्रामीण कृमि टसर पालन योजना ले जुड़के आजीविका प्राप्त करे लगे हें।
जिला म उपलब्‍ध टसर खाद्य पौधा मन म टसर कीटपालन ले 148 हितग्राही लाभान्वित होवत हें। वनखण्ड म या शासकीय टसर केन्द्र मन म उपलब्‍ध खाद्य पौधा मन म टसर कीटपालन योजना के माध्यम ले पालित डाबा ककून उत्पादित करे जात हे। जेखर से कृषक हितग्राही मन ल स्वरोजगार उपलब्‍ध होवत हे। साल 2022-23 म 86,100 स्वस्थ डिम्ब समूह के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक पहिली अउ दूसर फसल म ये जिला के अंतर्गत कुल 33,305 स्वस्थ डिम्ब समूह के पालन करे गीस अऊ कोसा के उत्पादन प्रगति म हे। अइसनहे वित्तीय साल 2022-23 म टसर खाद्य पौध संधारण अउ कृमिपालन काम ले 2442 रोजगार मानव दिवस के सृजन होए हे, जेमां 148 हितग्राही लाभान्वित होए हें। जानबा हे कि टसर रेशम उत्पादन ह वनांचल के आसपास रहइया अनुसूचित जाति, अनुसूचित जन जाति अउ अन्‍य पिछडा वर्ग के मनखे मन बर अपन असली काम मन के अकतहा पूरक रोजगार प्राप्त करे के एक महत्वपूर्ण साधन बन गए हे।

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