छत्तीसगढ़ के राम ल 14 साल बाद अमेरिका ले स्वदेश खींच लाइस बासी के सुवाद

तेली इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ बनइया राम के कहानी

नई दुनिया के आनंदराम साह के रिपोर्टिंग के अनुवाद। छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर निवासी राम ल जइसे मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ल 14 साल के वनवास मिले रहिस। ओकर पाछू ओ ह अयोध्या लहुटे रहिस। वइसनहे छत्तीसगढ़ के ‘राम’ ल 14 साल बाद ‘छत्तीसगढ़ी बासी’ के स्वाद अमेरिका ले वापस स्वदेश ले आइस। दरअसल, राम विलाश साहू पेसा ले सॉफ्टवेयर डेवलपर, इंजीनियर हे। ‘सादा जीवन-उचहा विचार’ अऊ ‘शिक्षादान-महादान’ ल अपन ध्येय बनाके जीवनयात्रा करत राम के कहानी मंजा वाला हे।

राम के दादा स्वर्गीय गोपाल साहू महासमुंद जिला के बसना तीर सलगपानी गांव के प्रतिष्ठित किसान रहिन। उमन अपन बेटा ल सुशिक्षित करे अऊ शिक्षा ले समाज म बदलाव लाय के ठानिन। अपन बेटा मने राम के पिता डा बीआर साहू ल पढ़ा-लिखाके सुशिक्षित करिस। ओ मन सीएमडी कालेज बिलासपुर म प्रोफेसर होइन।

ऊंखर शिक्षा अऊ संस्कार ले आगू बढ़े राम ह गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर ले 1989 म मैकेनिकल म बीई के डिग्री लीस। पढ़ाई म अव्वल होए ले ओ ल बीएससी अऊ बीई म गोल्ड मैडल घलोक मिलीस। एकर बाद वो ह एसईसीएल कोरबा म नौकरी करे लागिस। पांच साल तक नौकरी करे के बाद मैकेनिकल के नौकरी वोला रास नइ आइस। साल 97-98 म साफ्टवेयर ट्रेनिंग बर ओ ह हैदराबाद चल दीस।

प्रशिक्षण के बाद दू साल बहुत परेशानी ले जूझे के बाद नौकरी के तलाश म 2001 म अमेरिका चल दीस। उहां न्यू जर्सीय सहर म साफ्टवेयर बिजनेस कन्सलटेंट के नौकरी कर लीस। पांच साल बाद पार्टनरशीप म अपन खुद के कंपनी खोल लीस। ए बीच अमेरिका म चउदा साल बीत गे।

उहां के रहन-सहन खानपान के बीच ए चउदा साल म राम ल ‘छत्तीसगढ़ी बासी’ के महमहई अऊ अपन धरती-अपन मनखे मन के सुरता हमेशा सतात रहिस। अपन धरती म मनखे मन ल सुशिक्षित करे के ललक ओ ल वापस स्वदेश हिंदुस्तान के धरती छत्तीसगढ़ तक खींच लाइस।

शिक्षा अऊ कृषि के क्षेत्र म समाजसेवा करे बढ़त हे आगू
अमेरिका ले जून 2014 म स्वदेश लहुटे राम, शिक्षादान के दिशा म काम करत हे। रायपुर म साफ्टवेयर अऊ मोबाइल एप्लीकेशन डवलपमेंट के दिशा म उमन काम शुरू करिन। अउ अब तक 20-25 मनखे मन ल निःशुल्क प्रशिक्षित करके स्वरोजगार बर प्रेरित कर डारे हें। उमन इंजीनियरिंग या एमसीए के डिग्री लेके कालेज ले निकलइया पढ़ईया लईका मन ल कैरियर गाइडेंस के संग स्वरोजगार बर प्रेरित करके प्रशिक्षित तको करत हें।

समाजसेवा बर उमन तेली इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ नाम ले एक स्वयंसेवी संस्था घलोक बनाए हें। जेमां प्रदेशभर के करीब एक हजार इंजीनियर्स जुड़े हें। गरीब लइका मन ल निःशुल्क पुस्तक मिल सकय, एखर सेती उमन शिक्षादान के अभियान चलाके पुस्तक अऊ शिक्षण सामान ल दान म देहे के मुहिम घलोक चला रखे हें।

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