मनरेगा ले बने कुवां ह बदलिस जिंदगी, सीमांत किसान उत्तम अब साल भर उबजावत हे सब्जी

  • धमतरी जिला के कुरूद विकासखंड के ग्राम चर्रा के सीमांत किसान उत्तम
  • सब्जी बेचके लॉक-डाउन म घलोक हर महीना कमावत हे दस हजारधमतरी, 9 मई 2020। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना) गांव वाले मन के जिंदगी कइसे बदलत हे, एखर उदाहरन उत्तम साहू हे। धमतरी जिला के कुरूद विकासखंड के ग्राम चर्रा के सीमांत किसान उत्तम पहिली मजदूरी करत रहिस। मनरेगा के तहत खेत म कुवां के निर्माण के बाद अब ओ ह साल भर साग-सब्जि के खेती करत हे। ओ ह सब्जी बेंचके अभी हाल के लॉक-डाउन के दौर म घलोक हर महीना दस हजार रूपिया कमावत हे। कुवां के निर्माण अऊ सब्जी के खेती शुरू करे के बाद ले आर्थिक रूप ले ओ ह सरलग मजबूत होत जात हे।

उत्तम साहू मनरेगा ले अपन खेत म कुआं खोदई के दिन ल सुरता करत बताथे के कुआं निर्माण के समय वोखर संग वोखर पत्नी पुनिया बाई, बेटा महेन्द्र अऊ पुत्रवधु महेश्वरी ह घलोक काम करत रहिन। वोखर परिवार ल मजदूरी के रुप म 26 हजार 436 रुपए मिले रहिस। कुवां के निर्माण म एक लाख 88 हजार रूपिया के लागत आईस। वो कुवां साल भर भरे रहिथे, वो ह अपन कुवां म एक हॉर्स-पॉवर के पंप लगाके साग-भाजी के खेती करे लागिस। वोखर खेत मन म अभी चेंच भाजी, अमारी भाजी, पटवा भाजी, धनिया पत्ती, गलका, करेला, टमाटर अऊ नींबू के उत्पादन होवत हे। अभी हाल के लॉक-डाउन म बाजार नइ जाके ओ ह गली मन म अवाज देके सब्जी बेंचत हे। एखर से हर महीना ओ ल दस हजार रूपिया के आमदनी होवत हे। उत्तम कहिथे ‘महात्मा गांधी नरेगा ले बने कुवां के सेती आज लॉक-डाउन म घलोक मोर रोजी-रोटी म लॉक नइ लगे हे।‘

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