बेमेतरा जिला के साजा ब्लाक के महिला मन ह मशरूम के खेती ले निकालिन बढ़ोतरी के रद्दा

बेमेतरा, 28 अप्रैल 2020। बेमेतरा के साजा ब्लाक के पिपरिया गांव के महिला मन ह कृषि विज्ञान केंद्र ले मशरूम के खेती के प्रशिक्षण लेके मशरूम के खेती शुरू करे हें। जानबा हे के आज ले करीब 2 साल पहिली पिपरिया गांव के महिला मन के जीवन घलोक आम गांव म रहवईया महिला मन के जइसे रहिस, ओ मन दिनभर खेत म रोजी-मजदुरी करके अपन परिवार के पेट पालत रहिन।

इकर जीवन म बदलाव राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) लेके आइस। सबले पहिली राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के अन्तर्गत महिला मन के समूह बनाए गीस फेर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक मन ह ए महिला मन ल प्रशिक्षण दीस। कृषि विज्ञान केन्द्र ह संगेच शेड निर्माण अऊ बीज आदि के घलोक सहायता दीस।

पहिली उमन ल सब्जी अऊ फल के खेती के प्रशिक्षण दे गीस। एखर से ओ मन ल खेती ले होवइया फायदा मन के बारे म जानकारी होइस। कुछेच दिन म जब महिला मन ल खेती के फायदा समझ आ गे त उमन संगठित होके समूहिक तौर म खेती करे के फैसला करिन। तभो ले उमन मशरूम के खेती के बारे म पहिली कोनो महिला आश्वस्त नइ रहिन। फेर कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकरी मन ह महिला मन ल प्रोत्साहित करिन अऊ ओ मन ल ये खेती ले होवइया फायदा के बारे म बताइन।

महिला मन ल जब भरोसा हो गीस त उमन अन्नपुर्णा महिला स्व-सहायता समूह बना के काम चालू करिन। स्व-सहायता समूह के सचिव पुष्पा बाई साहू के बताती ऊंखर समूह के महिला मन खेती-किसानी ले जुडे हें। जऊन घर-परिवार के दैनिक काम करे के बाद अकतहा आमदनी बर स्थानीय स्तर म आर्थिक गतिविधि संचालित करना चाहत रहिन। ये बीच कृषि विज्ञान केन्द्र मौहाभाठा के वैज्ञनिक मन गांव के किसान मन ल खेती-किसानी के जानकारी दीस तेमा मशरूम उत्पादन के बारे म घलव बताए गीस।

महिला स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष लीला बाई साहू के बताती कृषि केंद्र ले मिले सहायता ले समूह के महिला मन ह मशरूम उत्पादन के संगें-संग ओखर गुणवत्ता उपर घलोक ध्यान केन्द्रित करथे। एखर से उत्पादित मशरूम के बिक्री तुरंते होए लगिस। सुरू के 2 महिना म ही इमन ल 35 हजार रुपिया के आमदनी होए हे। लीला बाई साहू के बताती अतीक रुपिया सकलाए ले समूह के महिला मन अड़बड़ खुश हें। अब परिवार के सदस्य मन घलोक घर-परिवार के काम के संग ये आय मूलक गतिविधि ल संचालित करे बर उंखर उत्साहवर्धन करत हें। समूह के महिला मन ह ये आर्थिक गतिविधि के संगेच बचत ल घलोक बढ़ावा देवत हें। समूह के खाता म अभी करीब 50 हजार रुपिया हे जऊन ल समूह के महिला मन आड़े वक्त म ऋण लेके सुविधानुसार वापस जमा करथें। समूह के सामूहिक गतिविधि ले प्रभावित पुष्पा बाई साहू के बताती, एकर से कमई तो होवत हे संगे संग हम सब ल सशक्त बने म ये सहायक साबित होवत हे जेकर से परिवार के खुशहाली घलोक बाढ़े हे।

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