रायपुर के टिश्यू कल्चर लैब ल बालोद जिला के गन्ना किसान मन ह देखिन

रायपुर, 06 फरवरी 2024। गन्ना के फसल बर किसान मन ल प्रोत्साहित करे बर किसान मन ल राजधानी रायपुर स्थिति गन्ना टिशु कल्चर लेब के भ्रमण कराए जात हे। आज बालोद जिला के 29 गन्ना किसान मन ह भ्रमण करिन। वैज्ञानिक मन किसान मन ल गन्ना के खेत के अवलोकन के संग टिशु कल्चर के तकनीक जानकारी दीन।
कृषि विभाग के अधिकारी मन ह बताइन कि किसान मन ल फिल्ड म लगे गन्ना किसिम सीओजे 085, वीएसआई 8005 अउर सीओ 86032 के पौधा के प्रत्यक्ष अवलोकन घलोक कराए गीस। किसान मन ल बताइए गीस कि टिश्यू कल्चर पौध तैयार करे म लागत प्रति पौध 2.50 रू. आथे। प्रति हेक्टेयर 7000 पौधा जरूरी होथे, जेकर लागत 17,500 रू. आथे। एकर उत्पादन प्रति हेक्टेयर 1000 कुंटल आथे। एला एमआरपी के दर ले बेचे म आय 03 लाख 55 हजार रू. होही। कहूं आदान सामान लागत 01 लाख रू. घटा दे जाय त किसान मनल 02 लाख रू. तक शुद्ध लाभ मिल सकत हे। जेखर से किसान मन के आय दुगुना होए म सहायक होगी अउ गन्ना के खेती के क्षेत्र बाढ़ही अऊ आन किसान घलोक गन्ना शेड ले बोए के तकनीक ल छोड़के गन्ना टिश्यू कल्चर पौधा बोए लगहीं, जेखर से बालोद जिला म स्थित शक्कर कारखाना ल बहुत मात्रा म गन्ना उपलब्‍ध हो सकही।
बालोद जिला के भ्रमण करइया गन्ना किसान म बालोद विकासखण्ड ले 07, गुरूर विकासखण्ड ले 05, डौण्डी विकासखण्ड ले 05, डौण्डीलोहारा विकासखण्ड ले 05 अउर गुण्डरदेही विकासखण्ड ले 07 किसान सामिल रहिन। गन्ना किसान भ्रमण के समय गन्ना कृषक वैज्ञानिक डॉ. खूबचंद वर्मा अउर डॉ ताम्रकार ले मिलीन। वैज्ञानिक मन ह किसान मन ल बताइन कि गन्ना टिश्यू कल्चर तैयार करे बर गन्ना के पौध स्वस्थ अउ निरोग होना चाही। टिश्यू कल्चर बर एक आँख ल जार म मदर कल्चर के संग मिलाके बंद कर दे जाथे। जेखर से 30 ले 40 कंसा निकलथे। हर एक कंसा ल अलग-अलग करके पॉली ट्रे म रखे जाथे। एखर बाद ओला ग्रीन नेट म रखथें। पहिली स्क्रीनिंग 21 दिन के बाद ओला हॉट नेट म ले जाए जाथे। दूसरी स्क्रीनिंग 20 दिन के बाद पॉलीवेग म ट्रांसफर करे जाथे। एखर बाद किसान मन ल बोनी करे बर देहे जाथे।

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