अर्थव्यवस्था बचाय बर जनता के खीसा म पइसा डारना होही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

रायपुर, हमर देश अऊ प्रदेश कृषि प्रधान हे। अइसन म देश के अर्थव्यवस्था के बड़का हिस्सा कृषि उपर निर्भर हे। व्यापार अऊ उद्योग के अर्थव्यवस्था घलोक कहीं-न-कहीं किसान मन ले जुड़े होथे। उद्योग के पहिया तब घूमही जब व्यापारी उंखर से सामान खरीदहीं अऊ व्यापारी के सामान तब बिकही जब जनता के खीसा म पइसा होही। अर्थव्यवस्था बचाय बर जनता के खीसा म पइसा डारना होही। ये बातें मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के आयोजन “किसानों के बात, उद्यमियों के साथ” के मंच ले कहिन। किसान अऊ उद्योगपति मन कोति ले कार्यक्रम म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सम्मान करे गीस। कार्यक्रम म मुख्यमंत्री श्री बघेल के संग कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ अऊ श्री राकेश टिकैत अउ ‘हरिभूमि’ मीडिया समूह के प्रधान संपादक श्री हिमांशु द्विवेदी ह मंच साझा करिन। कार्यक्रम म खाद्य अउ नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री अमरजीत भगत घलोक मौजूद रहिन।
कार्यक्रम म उद्बोधन के समय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह सबले पहिली किसान आंदोलन के दरम्यान शहीद होए 703 किसान मन के आत्मा के शांति बर मौन धारण कराइन अऊ ओ मन ल श्रद्धांजलि दीन। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह अपन उद्बोधन म कहिन कि देश म अनाज के कमी ल तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी जी ह चुनौती के तौर म लेहे रहिन अऊ देश के किसान मन ले आह्वान करे रहिन के हमला अनाज उत्पादन के मामला म आत्मनिर्भर बनना होही। एखर बादेच देश म हरित क्रांति आइस। ये ओही दौर रहिस जब 1967 म एमएसपी घोषित होइस। मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि हमन सरकार बने के बाद छत्तीसगढ़ म धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का सब बर समर्थन मूल्य म खरीदी के संग उचित कीमत देना शुरू करेन। छत्तीसगढ़ कोदो, कुटकी ल समर्थन मूल्य म खरीदइया देश के पहला राज्य ये। इहां तीन हजार रुपिया प्रति क्विंटल के दर ले एखर खरीदी होवत हे। उहें हमन छत्तीसगढ़ म धान, कोदो, कुटकी, गन्ना, मक्का के संगेच वनोपज के खरीदी घलोक शुरू करेन, जेमां 7 ले बढ़ाके 52 प्रकार के लघु वनोपज ल सामिल करेन। एखर अलावा हमन वनोपज के वैल्यू एडिशन घलोक करे। आज मउहा लाड़ू, एनर्जी बार, बस्तर काजू पूरा देश म लोकप्रिय होवत हे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि केन्द्र सरकार ले एक फरमान जारी होए हे, जेमां कहे गीस कि कोनो राज्य सरकार फसल के खरीदी म किसान मन ल बोनस देही त ओला केन्द्रीय पुल म झन ले जाही, फेर दू साल के छूट मिलीस। उही छूट म हमन किसान मन ल बोनस मिलाके धान खरीदी म प्रति क्विंटल 2500 रुपए देन। केन्द्र सरकार ह बोनस देहे म आपत्ति करिस अऊ राज्य के चावल लेहे ले मना कर दीस। केंद्र सरकार के आपत्ति के बाद अब हम किसान मन ल 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के दर ले इनपुट सब्सिडी देवत हन। केन्द्र कोति ले उसना क्वॉलिटी के धान लेहे ले इंकार करे म राज्य के किसान मन ले अरवा क्वॉलिटी के धान उत्पादन के हम अपील करेन।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि कृषि उत्पादन के बढ़ना कोनो देश अऊ प्रदेश बर ताकत होना चाही, समस्या नहीं। हम प्रदेश के अकतहा धान ले एथेनॉल ईंधन बनाना चाहत हन, फेर केन्द्र ले एखर अनुमति मिलतेच नइ हे। गन्ना अऊ मक्का ले एथेनॉल बनाए बर 12 औद्योगिक घराना मन ले एमओयू घलोक हो गए हे अऊ ओ मन ल जमीन घलोक दे देहे गए हे। राज्य म कृषि के संग उद्योग ल घलोक बढ़ावा देहे के बात म मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि हमन उद्योगपति मन ले चर्चा के बाद 2019-24 के औद्योगिक नीति बनाएन। अब तक 150 एमओयू हो गे हे। मुख्यमंत्री ह कहिन कि लॉकडाउन के बाद सबले पहिली उद्योग मन के पहिया घूमे हे तो वो छत्तीसगढ़ म घूमे हे। उमन कहिन कि लॉकडाउन के समय व्यापारिक गतिविधि मन के संचालन बर समय-समय म व्यापारि मन ले घलोक चर्चा करे गीस अऊ ओ मन ल जरूरी राहत पहुंचाए गीस।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ह कहिन कि हम किसान मन के हित चाहत हन फेर किसान मन के नाम ले कोनो ल बेजा फायदा उठान नइ दे जाए। संगेच डीएपी के कमी के बात म मुख्यमंत्री ह किसान, पशुपालक अऊ गांव वाले मन ले गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट जादा-ले-जादा बनाए के अपील करिन। मुख्यमंत्री ह कहिन कि हमला किसान मन के समस्या मन के समाधान बर सबो प्रकार के चर्चा म सामिल होना चाही। मनखे मन ल सुनना चाही। असहमति के बावजूद घलोक उंखर सम्मान करना चाही। जब सब संग बैठबो तभे कोनो समस्या के समाधान निकलही। उमन उम्मीद जताईन के समर्थन मूल्य म आज इहां शुरू होए चर्चा सही दिशा म आगू बढ़ही अऊ निष्कर्ष तक पहुंचही।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ह कहिन कि देश म सबले जादा कीमत म धान खरीदी हम करत हन। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम ले किसान मन अऊ गोधन न्याय योजना के माध्यम ले पशुपालक मन ल आर्थिक लाभ पहुंचाए जात हे। भूमिहीन कृषि मजदूर मन ल घलोक राहत देहे बर छत्तीसगढ़ सरकार नवा योजना लेके आवत हे। कृषि मंत्री श्री चौबे ह कहिन कि कोरोना काल म जिहां देश अऊ दुनियाभर म मंदी के स्थिति रहिस, हमर सरकार ह राज्य म राजीव गांधी किसान न्याय योजना के लाभ किसान मन ल दीस। किसान मन ल हमन समृद्ध करेन त व्यापारी वर्ग म घलोक मंदी के असर नइ होइस। श्री चौबे ह कहिन कि कृषि मंत्री होए के नाते मैं आज अपन सौभाग्य समझथंव कि आज पूरा देश म छत्तीसगढ़ मॉडल के चर्चा होवत हे।
कार्यक्रम ल पूर्व कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, किसान नेता श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’, श्री राकेश टिकैत अऊ उद्योगपति श्री कमल सारडा ह घलोक संबोधित करिन। श्री शिवकुमार शर्मा ‘कक्का जी’ अउ श्री राकेश टिकैत ह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सराहना करत कहिन कि किसान मन ले जुड़े अइसन आयोजन म मुख्यमंत्री के आना ये बताथे कि ऊंखर मन म किसान मन बर कतेक पीरा अऊ आत्मीय भाव हे। श्री शर्मा ह कहिन कि छत्तीसगढ़ म किसान मन के उपज के पूरा देश म सर्वाधिक कीमत म खरीदी करे जात हे। एमएसपी म चर्चा करइया छत्तीसगढ़ पहला राज्य ये। श्री टिकैत ह कहिन कि श्री भूपेश बघेल पहिली मुख्यमंत्री हे जेन किसान मन के समस्या म ऊंखर संग बइठके बात करत हें। उमन एखर बर मुख्यमंत्री ल धन्यवाद देवत कहिन कि छत्तीसगढ़ म ख़रीफ़ फसल मन म इनपुट सब्सिडी देके किसान मन ल समृद्ध करे के काम करे जात हे।
कार्यक्रम म छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री सुभाष धुप्पड़, खादी अउर ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष श्री शैलेष नितिन त्रिवेदी, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, नगर निगम रायपुर के महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, आयुक्त जनसंपर्क श्री दीपांशु काबरा समेत बहुत अकन किसान, उद्योगपति, व्यापारिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित रहिन।

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