राज्य स्तरीय युवा महोत्सव : युवा महोत्सव म बगरिस पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन मन के महमहई

  • फरा, चीला, चौसेला, अईरसा, हिरवां पूरा, दूधफरा अऊ धुसका हवय खास
  • बस्तर के चापड़ा चटनी, अमारी फूल के चटनी-शर्बत अऊ लाटा ले आइस मुंह म पानी

रायपुर, राज्य स्तरीय युवा महोत्सव म साइंस कॉलेज परिसर आज पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन मन के महमहई ले गमक उठिस। इहां अयोजित फूड फेस्टिवल म छत्तीसगढ़ी व्यंजन मन के विविधता अऊ ओखर स्वाद के खजाना दिखिस। प्रदेश के कई जिला ले आए भाग लेवईया मन ह स्थानीय पारंपरिक व्यंजन बनाइन। एमां फरा, चीला, चौसेला, अईरसा, हिरवां पूरा, दूध फरा, दहरोरी, धुसका, जीमीकंद के सब्जी, ठेठरी, खुरमी व्यंजन खास रिहस। एखर संगेच बस्तर के चापड़ा चटनी, अमारी फूल के चटनी-शर्बत अऊ ईमली ले बना लाटा ले मनखे मन के मुंह म पानी आ गीस। प्रतियोगिता म 15 ले 40 साल आयु वर्ग म 21 अऊ 40 साल ले जादा आयु वर्ग म 8 भाग लेवइया सामिल होइन। प्रतियोगिता म 15 ले 40 साल आयु वर्ग म नारायणपुर जिला पहिली, सूरजपुर जिला दूसरी अऊ जांजगीर-चांपा जिला तीसर रहिस अऊ 40 साल ले जादा आयु वर्ग म कबीरधाम जिला के भाग लेवईया मन ह पहिली स्थान, धमतरी जिला ह दूसर स्थान अऊ नारायणपुर जिला के भाग लेवईया मन ह तीसर स्थान प्राप्त करिस। प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल के सदस्य रायपुर के श्रीमती नेहा सोनी, सुश्री नम्रता चन्द्रांकर, श्रीमती सरिता शर्मा रहिन।

प्रतियोगिता म 15 ले 40 साल आयु वर्ग म पहिली स्थान म रहिन नारायणपुर जिला के भाग लेवईया मन ह बस्तर जिला के पारंपरिक माड़िया पेज, अमारी अऊ चपोड़ा के चटनी के संग चीला ल आकर्षक रूप म प्रस्तुत करिन। 40 साल ले जादा आयु वर्ग म पहिली स्थान म रहिन कबीरधाम जिला के सहसपुर लोहारा ब्लॉक के जगदम्बा महिला समूह के सदस्य मन ह पारंपरिक चौसेला अऊ टमाटर के चटनी के संग ठेठरी, खुरमी बनाइन। दूसर स्थान म रहिन धमतरी के श्रीमती सूर्यप्रभा चेट्टियार ह छत्तीसगढ़ के पारंपरिक दूधफरा ल लइका मन के स्वाद अऊ पौष्टिकता ल ध्यान म रखत नरियर के दूध म कोदो कुटकी अऊ मूंग के दार ले नवा स्वाद देहे के कोसिस करिन। तीसर स्थान म रहिन नारायणपुर जिला के भाग लेवइया श्रीमती शैल उसेंडी ह बताइस कि उमन कोसरा चावल के खीर अऊ माड़िया पेज बनाय हे, जऊन गर्मी के समय शरीर ल ठंडा रखथे। कोसरा चावल शुगर फ्री होए के सेती मधुमेह के रोगी मन घलोक खा सकथें। अमारी फूल के चटनी म विटामिन से बहुत होथे। चापड़ा चटनी ल स्थानीय स्तर म मनखे मलेरिया अऊ आन बीमारी के इलाज म उपयोग करथें।

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