राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव हर साल मनाए जाही राज्योत्सव के संग होही राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन: मुख्यमंत्री ह करिस घोषणा

छत्तीसगढ़ म पहली पइत देश-विदेश के आदिवासी कलाकार मन ह साझा करिन मंच
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के रंगारंग समापन
छत्तीसगढ़ के बाढ़िस मान: देश-विदेश के कलाकार मन ह जीतिन दिल
मेहमान कलाकार छत्तीसगढ़ के मेजबानी के होइन मुरीद

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन हे कि अब हर साल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन होही। ये आयोजन राज्योत्सव के संग होही। राज्योत्सव कुल पांच दिन के होही। ये मां पहिली दू दिन राज्य के स्थानीय कलाकार अपन कला के प्रदर्शन करहीं। उंहे बाकी के तीन दिन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन करे जाही। मुख्यमंत्री ह कहिन कि छत्तीसगढ़ म आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म पहली पइत देश-विदेश के कलाकार मन ह एक संग मंच साझा करिन। तीन दिन के महोत्सव म बड़ संख्या म आदिवासी कलाकार मन ह अपन कला अऊ संस्कृति ल नृत्य के माध्यम ले प्रस्तुत करिन। कार्यक्रम म छै देश संग 25 राज्य अऊ तीन केन्द्र शासित प्रदेश के कलाकार एक संग जुरियाइन। ए महोत्सव म देश-विदेश के जनजातीय संस्कृति मन ल तीर ले जाने के मनखे मन ल मौका मिलीस। ए महोत्सव ह अनेकता म एकता के संदेश दीस। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज संझा साइंस कालेज मैदान म समापन समारोह ल सम्बोधित करत कहत रहिन। देश-विदेश के कलाकार मन ह जऊन शिद्दत ले अपन प्रस्तुति दीन ओखर अमिट छाप हमार दिल म हमेशा रइही।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन कि जब ए आयोजन के बारे म सोचेन त मन म आशंका रहिस कि ये सफल होही कि नही, फेर हमार मंत्रिमंडल के साथी, अधिकारी, लोक कलाकार, मीडिया प्रतिनिधि अऊ प्रदेशवासी मन ह मिलके एला सफल बनाए हें। सबो ल मैं बहुत-बहुत बधाई देवत हंव। मुख्यमंत्री ह आगू कहिन कि छत्तीसगढ़ के महत्व हर युग म रहे हे। त्रेता युग म भगवान राम के ननिहाल इहें रहिस अऊ उमन अपन वनवास के अधिकांश समय छत्तीसगढ़ म बिताए रहिन। द्वापर म कृष्ण-अर्जुन के इहाँ आए के प्रमाण हे। बौद्धकाल म सिरपुर म बौद्ध ज्ञान अउ शिक्षा के प्रमुख केन्द्र रहे हे। आजादी के लड़ाई के समय 1857 म शहीद वीर नारायण सिंह ह अंग्रेज मन के विरूद्ध बिगुल फूकिस। आदिवासी मन ह जंगल सत्याग्रह करके अंग्रेज मन के शोषण नीति के विरूद्ध अवाज उठाईस। इहां समाज सुधार के क्षेत्र म बाबा गुरू घासीदास अऊ पंडित सुन्दरलाल शर्मा संग बहुत अकन महापुरूष मन के उल्लेखनीय योगदान हे।

मुख्यमंत्री ह कहिन कि पाछू पन्द्रा बछर म छत्तीसगढ़ के पहिचान लुप्त हो गए रहिस। एला केवल देश के नक्शा म नक्सल हिंसा के गतिविधि मन म जगा मिलत रहिस। हमर सरकार बनतेच छत्तीसगढ़ के गौरवशाली परम्परा अऊ इतिहास, पुरखा मन के सपना मन ल पूरा करे के दिशा म लउहे लउहे काम करना शुरू करे गीस। किसान मन के करजा माफी अऊ पूरा देश म सबले जादा 2500 रूपिया कीमत म प्रति क्विंटल धान खरीदी के व्यवस्था करे गीस। बिना भेदभाव के हर कुटुंब ल 35 किलो चावल संग बहुत अकन निर्णय लेहे गीस।

उमन कहिन कि हमार सियान, हमार पुरखा मन ह एक समृद्ध छत्तीसगढ़, मजबूत छत्तीसगढ़ के परिकल्पना करे रहिन। एक साल म हमन आप मन के सहयोग ले उंखर परिकल्पना ल साकार करे के काम करे हवन। हमार पुरखा मन के असीस ले छत्तीसगढ़ के कला अऊ संस्कृति के कोनो सानी नइ हे। इहां करमा, गौर नृत्य, पंथी, सुआ नृत्य के अपन महत्व हे। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन ले छत्तीसगढ़ के नाम देश म ही नही समुद्र पार विदेश मन म घलोक गीस हे।

आदिवासी नृत्य महोत्सव ल मिले व्यापक जनसमर्थन अऊ लोकप्रियता ल देखत मुख्यमंत्री ह अब हर साल राज्योत्सव के संग आदिवासी नृत्य महोत्सव के आयोजन करे के घोषणा करिन।

महाराष्ट्र म घलोक छत्तीसगढ़ के तर्ज म होही आदिवासी नृत्य महोत्सवस

मापन कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष श्री नानाभाऊ पटोले ह कहिन कि छत्तीसगढ़ सरकार ह आदिवासी मन के कला अउ संस्कृति ल देश-दुनिया म पहुंचाए अऊ आदिवासी मन म नवा ऊर्जा लाय के काम करे हे। आदिवासी मन के जीवन म एक नवा क्रांति अऊ जोश भरे हे। उमन किसान मन के हित बर छत्तीसगढ़ सरकार के धान खरीदी अऊ कर्जमाफी के सराहना करिन। श्री पटोले ह कहिन कि सी.पी. बरार के समय छत्तीसगढ़ अऊ विदर्भ के क्षेत्र एक संग रहिस। उमन कहिन कि आदिवासी जनजीवन ल प्रेरणा दे बर महाराष्ट्र म घलोक ए प्रकार के आयोजन के पहल करे जाही।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ह कहिन कि संत कबीर अऊ बाबा गुरू घासीदास जी ह इहां एकता, शांति, समरसता ल रग-रग म पिरोए हें। इहां अवइया कलाकार मन ल ये बात महसूस हो गीस होही। उमन कहिन कि ये महोत्सव आदिम जनजाति के संस्कृति ल जन-जन तक पहुंचाए म मददगार रइही। बहुत कम समय म ए ऐतिहासिक महोत्सव के आयोजन करे गीस, एखर बर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अऊ ऊंखर मंत्री मंडल के सदस्य बधाई के पात्र हें। श्री महंत ह कहिन हम चाहत हन अइसन अवसर घेरी-बेरी आवय अऊ पूरा देश ल आनंदित होए के अवसर मिलय। अवइया समय म ये महोत्सव अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव के रूप म आयोजित होना चाही। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ह स्वागत भाषण अऊ आखरी म उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ह आभार व्यक्त करिन।

हम आप ल बता देवन कि छत्तीसगढ़ सरकार कोति ले पहली पइत आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म 25 राज्य, 3 केन्द्र शासित प्रदेश संग बांग्लादेश, थाईलैण्ड, श्रीलंका, युगांडा, बेलारूस अऊ मालदीप के 1800 कलाकार मन ह इहां 125 ले जादा मनमोहक प्रस्तुति दीन। आदिवासी कला अऊ संस्कृति के अनूठा संगम इहां तीन दिन तक रहिस। इहां आये कलाकार मन ह एक दूसर के संस्कृति के खूब आनंद लीन। नृत्य महोत्सव के आखरी दिन उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, झारखंड, आंध्रप्रदेश, गुजरात संग छत्तीसगढ़ के कलाकार मन ह अप्रितम नृत्य के हुनर के प्रदर्शन करिन। उंहे शिल्पग्राम, छत्तीसगढ़ी व्यंजन अऊ विभागीय स्टॉल कौतूहल के केंद्र बने रहिस।

विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी, प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक श्री मोहन मरकाम, श्री विकास उपाध्याय, बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री लखेश्वर बघेल, मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल संग बड़ी संख्या म आम नागरिक उपस्थित रहिन।

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