कोरिया, 19 अगस्त 2020। राज्य सराकार प्रदेश के किसान मन ल फायदा पहुचाए खातिर फसल म बदलाव के संग जादा फायदा देवइया फसल लेहे उपर जोर देवत हे। इही कड़ी म कोरिया जिला के किसान हरदी (हल्दी) के औषधीय गुण अऊ वोकर आर्थिक महत्ता ल ध्यान म रखत जिला प्रशासन के मदद ले शासकीय जमीन म सामूहिक रूप ले हरदी (हल्दी) के खेती करके अकतहा आमदनी कमावत हें।
छत्तीसगढ़ शासन के महत्वाकांक्षी सुराजी योजना- नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के अंतर्गत बाड़ी विकास के संकल्पना ल साकार करे बर जिला के कई ठन ग्राम पंचायत मन म चुने गए गौठान ग्राम सोरगा, जामपानी, कोडिमार छरछा, रोझी, कुशहा, उमझर, दुधनिया, बरबसपुर व अमहर म गौठान समिति मन शासकीय जमीन म अऊ खुद के सामूहिक बाड़ी मन म जिला पंचायत अऊ कृषि विज्ञान केंद्र के एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अभिसरण ले तकनीकी कार्ययोजना बनाके करीबन 50 एकड़ म हल्दी के खेती करत हें।
कृषि विज्ञान केंद्र के अधिकारी ह बताइस के हरदी (हल्दी) के 10 महीना के फसल होथे। एला अप्रैल-जून म लगाके फरवरी-मार्च म उपयोग म ले सकत हें। बीज बर अपरेल तक रूक सकत हें। हल्दी ल मेड़ या फेर खेत म उगाए जा सकत हे। हर पौधा के बीच 50 सेंटीमीटर अऊ लाइन के बीच के दूरी 20 सेंटीमीटर होना चाही। हरदी (हल्दी) उत्पादन ले एक हेक्टेयर जमीन म शुद्ध लाभ 90 हजार ले एक लाख रूपिया तक होथे। एक हेक्टेयर जमीन म 5 ले 6 क्विंटल बीज के जरूरत होथे हे, जेखर से 50 ले 60 क्विंटल फसल मिलथे। एक हेक्टेयर के पाना मन ले तेल घलोक निकाले जा सकथे। पाना मन म 2.5 ले 3 प्रतिशत तक इसेंसियल ऑइल होथे।
जानबा हे के एक हेक्टेयर म कुर्कमिन या करक्यूमिंन औषधीय तत्व पाए जाथे जेकर सेती हरदी (हल्दी) के रंग पीला होथे। हरदी (हल्दी) के राइजोम या गांठ के परयोग पाउडर के रूप करे जाथे। उहें एखर पाना मन म इरोलियल ऑइल होथे, जेखर उपयोग अरोमा अऊ कास्मेटिक इंडस्ट्री म होथे। इही महत्ता ल देखत जिला प्रशासन ह जिला के अंतर्गत गौठान ग्राम मन के चयन करके हरदी (हल्दी) उत्पादन के काम करत हे। संगेच किसान मन ल घलोक सामुहिक बाड़ी मन म हरदी (हल्दी) उत्पादन बर प्रोत्साहित करे जात हे। जेखर से किसान मन ल अकतहा आमदनी मिल सकय।