टसर कृमिपालन: किसान मन के अकतहा आय के बनिस साधन

कोसा उत्पादन ले 30 हजार हितग्राही होइन लाभान्वित

रायपुर, 29 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ राज्य म ग्रामोद्योग के रेशम प्रभाग कोति ले संचालित टसर कृमिपालन काम ले ग्रामीण अंचल म रहवइया अनुसूचित जाति अउ पिछड़ा वर्ग के गरीब परिवार मन ल रोजगार के अवसर मिलत हे। विभागीय अधिकारी मन के बताती छत्तीसगढ़ राज्य म दू प्रकार के रेशम प्रजाति मन ले टसर अउ मलबरी ककून के उत्पादन होथे। पालित डाबा टसर ककून उत्पादन योजनांतर्गत प्रदेश म उपलब्‍ध साजा-कउहा के टसर खाद्य पौधा म कीट पाले जाथे। ये योजना ल अपनाए बर हितग्राही मन ल कोनो प्रकार के पूंजी निवेश के जरूरत नइ होवय अइसन कृषक जिंकर खुद के जमीन म बहुत मात्रा म टसर खाद्य पौधा हे ओ मन ये योजना ल अपनाके स्वरोजगार प्राप्त कर सकत हें।

विभाग कोति ले टसर स्वस्थ डिम्ब समूह रियायती दर म प्रति कृषक ल 100 स्वस्थ डिम्ब समूह उपलब्‍ध कराए जात हे जेखर से साल म तीन फसल के माध्यम ले उत्पादन करे जात हे। हर एक फसल म 8000 – 10000 कोसा के उत्पादन करके पांच सौ रूपिया ले 3000 रूपिया प्रति कृषक ल आय होवत हे। ये योजना राज्य के जम्‍मो जिला मन म संचालित चार सौ बीस टसर कोसा बीज केंद्र अउ नवीवा (राजस्व-वनभूमि) विस्तार केंद्र अऊ चिन्हांकित वन क्षेत्र मन म क्रियान्वित करे जात हे । साल 2019-20 म कुल एक हजार आठ लाख नग पालित कोसा के उत्पादन लक्ष्य प्रस्तावित हे अऊ 32320 हितग्राही मन ल लाभान्वित करना प्रस्तावित हे। जनवरी महिना 2020 तक करीबन आठ सौ इक्यासी लाख नग कोसा के उत्पादन हो चुके हे जेखर से करीबन 30 हजार हितग्राही मन ल लाभान्वित करे गए हे।

लउछरहा..