हम तो अतके चाहत रेहेन साहेब कि हमर छत्तीसगढ़ी बाचे राहय, हिन्दी ल बने ढंगलगहा बोले बताए अउ लिखे उचारे बर जान सीख लेवन तेकर पीछू अंग्रेजी के पूछी ल धरतेन, फेर इहाँ तो सबे खदर बदर होवत हे।
का आदमी अस
अपन भासा के बोल न जाने,
अपन भासा के मोल न जाने।
जनम देवईया जग के पहिली,
माँ सबद के तोल न जाने।।
पर भासा ल हितु मानथस।।
गिजगिज करे दाँत निपोरे
पर भासा के नकल उतारे।
बोले म छत्तीसगढ़ी लजाए
हिंदी म गलत लिखे उचारे।।
अउ अँगरेजी म एम.ए. हस।।