उत्तर बस्तर कांकेर, जिला के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र मन म कम उपजाऊ उच्चहन अउ कंकरीली जमीन म किसान मन कोदो-कुटकी, रागी के फसल लेहे जाथे, अइसन जमीन म आन फसल मन के उत्पादन बने सहिन नइ हो पाए। कोदो-कुटकी, रागी म पोषक तत्व प्रचूर मात्रा म पाए जाथे। इही गुण मन ल ध्यान म रखत ए फसल मन के उत्पादन अउ प्रसंस्करण ल बढ़ावा देहे के उद्देश्य ले जिला प्रशासन के सहयोग ले कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर म लघु धान्य (कोदो-कुटकी, रागी) प्रसंस्करण इकाई के स्थापना करे गए हे, जेखर लोकार्पण प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह 27 जनवरी 2021 के करे रहिन। स्थापना के बाद ले ही ये प्रसंस्करण इकाई म लगातार कोदो-कुटकी अउ रागी प्रसंस्करण करे जात हे, प्रसंस्करण इकाई के स्थापना ले लेके अब तक इहॉ 401 कुंटल रागी अऊ 440 कुंटल कोदो के प्रोसेसिंग करे गए हे। अइसनहे दुर्गूकोंदल विकासखण्ड के ग्राम गोटुलमुण्डा म स्थापित कोदो-कुटकी प्रसंस्करण केन्द्र म 64 कुंटल रागी अऊ 68 कुंटल कोदो के प्रसंस्करण करे गए हे। जेखर से कांकेर के महिला स्व सहायता समूह ल करीबन 03 लाख 50 हजार रूपिया अऊ गोटुलमुण्डा के स्व सहायता समूह ल करीबन 01 लाख 50 हजार रूपिया के आमदनी होए हे। कृषि विज्ञान केन्द्र कांकेर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिरबल साहू के बताती प्रसंस्कृत कोदो-कुटकी अउ रागी मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी मन ल देहे गए हे, जेखर से ये काम म जुड़े स्व सहायता समूह ल रोजगार प्राप्त होवत हे, संगेच कुपोषित लइका सुपोषित होवत हे।
प्रसंस्करण इकाई के संचालन बर लघु धान्य फसल मन के उत्पादन करइया 300 किसान मन अउ महिला मन के समूह बनाए गए हे अऊ समूह के माध्यम ले किसान मन के उपज ल सकेल के प्रसंस्करण इकाई म महिला समूह के माध्यम ले प्रसंस्करण करके पैकेजिंग करे जात हे। ये उत्पाद ल जिला के आंगनबाड़ी मन के माध्यम ले कुपोषित, रक्त अल्पतता ले ग्रसित व गर्भवती महिला अऊ कुपोषित लइका मन ल कोदो चांवल खिचड़ी के रूप म अऊ रागी ल हलवा के रूप म देहे जात हे। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान ले महिला अउ लइका मन ल जिहां पौष्टिक अउ गरम जेवन मिलत हे, उहें दूसर कोति संग्रहण अउ प्रसंस्करण काम म लेगे महिला मन ल स्थानीय स्तर म रोजगार घलोक मिलत हे।