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जनमदिन म छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ल बेमेतरिहा के चिट्ठी

जय जोहार,
छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल ल जनमदिन के गाड़ा-गाड़ा बधई. जब ले आप हमर राज के मुखिया बने हव आप के काम-कारज के चरचा देस के संग-संग बिदेस म घलोक होत हे. वइसे होना भी चाही, काबर जतका कारज अभी छत्तीसगढ़ अउ छत्तीसगढ़िया के हित म आप करे हव, अतका कम समय म मध्यप्रदेश ले लेके छत्तीसगढ़ के अलग राज बने के 18 बछर तक कोनो मुखिया नइ करे रहिस. अइसन म आपके बढ़ई तो होना ही चाही. नरवा-गरवा, घुरवा-बारी, छत्तीसगढ़ के ये हे चार चिन्हारी के जेन नारा आप चुनई के बेरा म देव, वो नारा अब छत्तीसगढ़ सरकार के मूल चिन्हारी बन गे हे. इही चिन्हारी ल अधार बना के छत्तीसगढ़ ल नवा रूप म गढ़े के सपना ल सकार करे के बुता आप सुरू कर दे हव. आपके योजना ह बढ़ सुघ्घर हे. फेर वोला भुइयाँ म गंगा बरोबर उतार पाना वोतके कठिन हे. फेर इही चुनौती ल तो आप स्वीकारे हव.

आदिवासी मन के हक
एक सबले बड़का बुता आप आदिवासी मन ल वोखर भुइयाँ लहुटाय के करे हव. इहू बहुत बड़का काम हरय. सिरतोन म अइसन हिम्मत आज तक कोनो सरकार नइ कर पाय रहिस. येखरो बर आप ल बड़ बधई हे. वइसे छत्तीसगढ़ ह मूल रूप ले मूलनिवासी(आदिवासी) मन के गढ़ हरय. आदिवासी मन ही छत्तीसगढ़ के जड़ हरय. बाकी हम सब झन तो उँखर थांगा हरन. जड़ ह जब पोठ रइही तभे हम थांगा मन खड़े रइ सकत हन. अइसन म आदिवासी मन ल उँखर हक दे के आप मूलनिवासी मन बर सिरतोन म बहुते बड़का काम करे हव. किसान के करजा माफी, 25 सौ रुपये म धान खरीदी जइसे काम कोनो एक दिन के काम नोहय. ये तो एक पूरा दसक के काम हरय. तभो ले आप एक झटका म इहू वादा ल पूरा कर देव.

छत्तीसगढ़ी अस्मिता
छत्तीसगढ़ महतारी अस्मिता के काम तो बाकी काम ले अउ बड़का हे. जेन काम अलग राज छत्तीसगढ़ बने के बाद सबले पहली हो जाना रहिस वोमा 19 बछर लग गे. छत्तीसगढ़ी अस्मिता ले छत्तीसगढ़ म खिलवाड़ होय लगे रहिस. छत्तीसगढ़िया मन अपने राज म परे-डरे कस हो जात रहिस. आपके राज आय ले छत्तीसगढ़िया मन ल छाती चौड़ा करे के मउका मिलिस. आपो छत्तीसगढ़िया हित के धियान रखेव. छत्तीसगढ़िया मन के तीज-तिहार ले पूरा सरकार ल रंग देव. राजिम पुन्नी मेला, हरेली तिहार, तीजा, माँ कर्मा जयंती, बिस्व आदिवासी दिवस ल अपन माथा के मुकुट बनाएव. जेन हरेली तिहार ल मीडिया म जगह नइ मिलत रहिस वो अब मुख्य समाचार बनिस. आपके गेड़ी अउ भौंरा के जादू पूरा छत्तीसगढ़ म चल चलत हे. येखर असर छत्तीसगढ़िया मन म पोठ दिखत हे. आप ल येखरो बर पूरा बधाई हे.

दारू बंदी
आप सिरतोन म 7 महीना म कई ठिन वादा ल पूरा कर देव. फेर आप ल एक बड़का वादा याद रहना चाही. भुलाहू झिन. वादा हरय सराबबंदी के. जेन अभी तक के बड़े फइसला ले हव वोमा ये फइसला घलोक सामिल होना चाही रहिस. फेर सराबबंदी पाछू सरकार के नीति कस समिति अउ कमेटी म घेरागे. सत बात तो ये हरय कि कमेटी-वमेटी के चक्कर बड़ बेकार होथे. अधियन-वधियन तो सब समय के खफाय पर बर होते, फइसला तो आपे ल लेना हे. त फेर सराबबंदी के फइसला ले म देरी झन करहू. सब झानत हे कि सरकार कना पइसा के बड़ तंगी हे अउ दारू दुकान ले बड़ पइसा आथे. फेर आप तो सुराजी योजना चलात हव. गाँव सुराज तभे आ सकत हे जब महात्मा गाँधी के रद्दा म चलबो. महात्मा गाँधी के रद्दा म चले बर दारू बंद करे के फइसला तो लेहे ल परही न ? वइसे आप 2 अक्टूबर के दिन महात्मा गाँधी के ऊपर बिधानसभा के दो दिन के बिसेस सत्र बुलाय हव. मउका घलोक अच्छा हे. सब दल के नेता मन घलोक एक संग जुरियाही. अइसन जुराव म घोसना त कर सकत हव.

पुरखा के सुरता
छत्तीसगढ़ के पुरखा मन ल सुरता करे के बुता घलोक आप करे हव. येखर बर आप ल बधई हे. अलग राज बने के 18 बछर बाद भी छत्तीसगढ़ के पुरखा मन के अभी तक पुछारी बने ढंग ले नइ होत रहिस. अब आप हमर पुरखा मन के मान-सम्मान ल पूरा परदेस अउ देस-दुनिया म बगराहू अइसे कामना करत हन. सहीद गैंद सिंह ले लेके बीरनरायन, गुंडाधूर, गुरु घासीदास बबा, महाराजा प्रवीरचंद, बिलासा दाई, बहादुर कलारिन, पं. सुंदरलाल, डॉ. खूबचंद बघेल, मिनीमाता, ठाकुर प्यारेलाल, बैरिस्टर छेदीलाल, पं.माधव राव सप्रे, हरि ठाकुर, केयूर भूषण, पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, चंदूलाल चंद्राकर जइसे अइसे कतको झन जेन छत्तीसगढ़, छत्तीसगढ़िया, छत्तीसगढ़ी बर अपन जीवन हूम कर दिन.

महतारी भांखा
आपके मुखिया बने ले, आपके सोच-बिचार ले छत्तीसगढ़ी के मान-सम्मान घलोक बढ़त जात हे. जगह-जगह आज छत्तीसगढ़ी भांखा के संगे-संगे गोंडी, हल्बी, कोड़ुक, सरगुजिया, भतरी सब कोति काम होय के गुंजइस दिखत हे. आपके इही सोच-बिचार के असर पहली बार छत्तीसगढ़ के बिधानसभा म पूरा आय कस दिखिस. पहली बार मुख्यमंतरी लेे लेके, बिधानसभा अध्यक्ष, नेता बिपक्ष सहित कतका झिन मंतरी-बिधायक मन छत्तीसगढ़ी म सपथ लइन. फेर राजभवन कोति ले आप ल छत्तीसगढ़ी म सपथ लेहे रोक के बने नइ करिस. अगला बार आप जब कहूँ मुख्यमंतरी पद के सपथ लेहे के मउका मिलय त सीधा-सीधा कहि देहू सपथ तो अपन महतारी भांखा म ही लेहू. महतारी भांखा म सपथ लेहे बर कोनो कानूनी अरचन नइहे.

वइसे ये बात के धियान रखहू कि महतारी भांखा ल लेके अभी तक परदेस म खूब चोचला होय हे. कभू आठवीं अनुसूची के बहाना बना के, कभू बियाकरन नइहे कइके, कभू लिपि के रोना रो के, कभू फोकटे-फोकट परसिक्छन कार्यक्रम कर के. सत बात ये हरय कि छत्तीसगढ़ी के बियाकरण हिंदी ले घलोक जुन्ना हे. मराठी सही हमरो परदेस के लिपी देवनागरी हे. छत्तीसगढ़ी के अपन पूरा शब्दकोश हे. छत्तीसगढ़ी देस के कोनो भी भासा ले कोनो भी माईने म कम नइहे. ये तो इहां के कई झिन छत्तीसगढ़ी बिरोधी अधिकारी अउ नेता मन के कमजोर इक्छा सक्ति के सेती आघू नइ बढ़ पाय हे. सत बात ये हरय मुखिया जी कि छत्तीसगढ़ी म अब कोनो परसिक्छन के नहीं बल्कि पहली कक्षा ले ही सिक्छन दे के हे. आप परदेस के महतारी भासा मन म पढ़ई-लिखई सुरू कर दव. बाकी सब काम-कारज अपने-अपन होय लगही.

देहातीपन
मोला आपके जनमदिन म पदमसिरी श्यामलाल बाबूजी के सुरता आवत हे. उन कहय कि मोला कोनो देहाती कहिथे त लगथे जइसे छत्तीसगढ़िया होय के सर्टिफिकेट दे दिस. आप ल देख वइसनेहे लगथे. गेड़ी चढ़ईया, हाथ म भँवरा नचईया, लइका मन संग गोठा खेलईया छत्तीसगढ़ के मुखिया ह निमगा-देहाती छत्तीसगढ़िया हे. आप अपन सुभाव ले ये छत्तीसगढ़िया देहाती पन ल कभू खतम झिन कर हव. आप गाँव-गँवई के बन के रइहू. कोनो करिया रंग झन डेराहू. कभू भीतरी म पद के अहंकार ल झिन आवन देहू. ये बात येखर सेति कहत हव. काबर कि सत्ता के सिंहासन ह अच्छा-अच्छा बदल देथे, अधिकारी मन के घेराबंदी म बड़े-बड़े घेरा जथे, झूठ-लबारी-मिठलबरई म महारथी मन घलोक बोहा जथे, मीठ-मीठ गोठियाना वाला, आप ल सिरिफ बने-बने कहिना वाला, आपके काही गलती ल ढंकने वाला मन ले संभल के रइहूँ. नहीं त इहां तो गरी फेकइयाँ मन के बाढ़ लगे हे. काबर कि छत्तीसगढ़ म लोहा, कोयला, बिजली, पानी सबो जिनिस भरे परे हे. छत्तीसगढ़ ल लुटने वामा मन के नज़र हमेसा सत्ता सिंहासन ऊपर रहिथे. तभे तो आज बस्तर ले लेके सरगुजा तक आदिवासी मन खदान लेके बड़ परेसान हे. उमन ल ये परेसानी ले मुक्ति देवाय के बुता आप करहूँ.

बेमेतरिहा आप ल का सुझाव देही, अउ का-का बात ल सुरता देवाही. आप कना एक ले बड़ के एक ज्ञानी-बिज्ञानी मन हे. आप तो पूरा तंत्र ल समझथव. फेर का होथे कभू-कभू तंत्र ले घेराय रहे म जन ह छूट जथे या जन मन के मन के बात सही रूप म नइ पहुँच सकय. अइसन म हम तो गाँव-गँवई ले निकले जन-मन के सड़क के रिपोर्ट करईया निमगा-देहाती पत्रकार हरन. लोगन के बीच ले जेन देखथन, तेन कहि देथन. ये चिट्ठी-पाती मैं छत्तीसगढ़ के मुखिया ल लिखे हव. आसा हे छत्तीसगढ़ के हमर पुरखा मन के सपना वाला छत्तीसगढ़ आप जरूर गढ़हू. छत्तीसगढ़िया नायक ऊपर कभू कोनो भी परकार ले काही दाग झिन लगय ये मंगलकामना के संग एक पइत अउ आप ल गाड़ा-गाड़ा बधई.
वैभव बेमेतरिहा

आलेख अउ फोटू lalluram.com ले साभार

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