सरकारी सहायता ले पोंसव वनराज प्रजाति के कुकरी पाली, होही जबर्दस्त फायदा

मतवारी म गौठान मन म बैकयार्ड पोल्ट्री देहे के योजना कारगर साबित होवत हे, मुर्गीपालन ल सरलग अपनावत हे समूह मन

दुर्ग, जुन्ना कहावत हे कि कोनो भूखे ल मछरी देहे ले अच्छा हे ओला मछरी धरना सिखाना। एक पइत मछरी धरना सीख लेहे के बाद वो हमेशा बर आर्थिक रूप ले अपन पांव म खड़ा हो जाथे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठान मन ल इही तर्ज म स्वावलंबी बनाय जात हे। मतवारी के उदाहरण देखव, इहां जिला प्रशासन ह मुर्गी शेड के निर्माण कराए रहिस। पशुधन विकास विभाग ह बैकयार्ड पोल्ट्री योजना के अंतर्गत मदद करिस। पहली पइत महिला मन ह वनराज प्रजाति के मुर्गि पोंसिन। दू महीना के भीतर मुर्गि मन तियार हो गें अऊ ए मन ल बेचे म 63 हजार रुपए के लाभ महिला मन ह कमाइन। उत्साहित महिला मन ह ये पइत फेर 300 चिंया बिसाए हें अऊ एला पोंसत हें। भरोसा हे के वनराज फेर बनेच कीमत म बेंचाही। जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन ह बताइस कि कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ह बैठक म पशुधन विकास विभाग के अधिकारी मन ल मुर्गी शेड विकसित करे के निर्देश दे रहिन। उद्देश्य रहिस कि पहली पइत बैकयार्ड पोल्ट्री के तहत सहायता देहे जाय अऊ मनरेगा के अंतर्गत शेड बनाय जाए। लाभ होही त समूह दुबारा लाभ के रकम के कुछ हिस्सा के संग ये काम करहीं। मतवारी म अइसनहेच होइस। आराधना स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती बसंत बाई ह बताइस कि हम मन मुर्गि गुंडरदेही म बेचेन अऊ अच्छा लाभ कमाएन। हमला गौठान म मुर्गी शेड मिले हे। मुर्गि मन के सिंकाई बर बिजली लगथे। हमला प्रशिक्षण देहे गए हे कि कतका गर्मी के जरूरत चिंया मन ल होथे। मुर्गी शेड के संगेच पंखा अऊ बिजली के सुविधा हमला शासन कोति ले उपलब्‍ध कराए गए हे। उपसंचालक पशुधन विकास विभाग डॉ. एमके चावला ह बताइस कि हर एक ब्लाक म प्रमुख गौठान मन म अइसनहे मुर्गी शेड सुरू करे गये हे, जेकर माध्यम ले आजीविकामूलक गतिविधि मन ल बढ़ावा देहे जात हे। सरपंच श्रीमती केसरी साहू ह बताइस कि आराधना समूह के अच्छा अनुभव ले गांव के आन समूह मन घलोक ये कोति प्रेरित होए हें।
देशी मुर्गि मन के पालन ले शुरूआत बेहतर- पशुधन विकास विभाग के सहायक शल्यज्ञ डॉ. सीपी मिश्रा ह बताइस कि मुर्गी शेड ले अच्छा कमई होइस अऊ एखर से समूह के महिला मन काफी उत्साहित होइन। हमन ओ मन ल वनराज प्रजाति के मुर्गि पाले ल कहे रहेन। इंकर इम्युनिटी अच्छा होथे अऊ इंकर लालन-पालन घलोक कठिन नइ हे। एकर अच्छा परिणाम होइस। मुर्गी मार्केट म अच्छा कीमत म बिकी होथे। ब्रायलर के काम सुरू करे म ए मन ल सहेजना कठिन होथे, ते पाए के काम सुरू करे म हतोत्साहित होए के आशंका होथे। उमन बताइन कि सोनाली अऊ वनराज जइसे प्रजाति एखर बर बेहतर होथे।

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