जिन्दल फाउन्डेशन के ‘आशा द होप’ ह सेवा निकेतन के दिव्यांग मन ल दीस व्हील चेयर

रायपुर, आज जिंदल स्टील एंड पॉवर लिमिटेड ह एक सादा कार्यक्रम म सेवा निकेतन के राष्ट्रीय स्तर के दू क्रिकेट खिलाड़ी मन ल स्पोर्ट्स व्हीलचेयर प्रदान करिस। ये क्रिकेट खिलाड़ी छत्तीसगढ़ म अपन टीम के संग कई प्रतियोगिता मन म हिस्सा लेहे हें। जेमां ले श्री सुनील राव जऊन छत्तीसगढ़ व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान घलोक हे। एकरे संग बैट्समैन पोषण ध्रुव ल घलव आज जिंदल कोति ले व्हील चेयर देहे गीस। जऊन ब्‍हील चेयर ये खिलाड़ी मन ल देहे गीस वो ह स्पोर्ट्स व्हील चेयर हे जेन खेल बर काम आथे। सुनील राव अऊ पोषण ध्रुव भारतीय व्हील चेयर क्रिकेट टीम के सदस्य हें, अऊ छत्तीसगढ़ व्हील चेयर क्रिकेट टीम म सुनील ह कप्तान हे। भारतीय टीम के सियानी करत बेरा वो ह कहे रहिस के वो ह अपन जुन्‍ना व्हीलचेयर ले बने सहिन प्रैक्टिस नइ कर पावत हे। ये बात जब जिंदल स्टील के प्रतिनिधि ल पता चलिस त जिंदल स्टील ह वोला मदद करे के बिचार करिस।

जिन्दल फाउन्डेशन के ‘आशा द होप’ कार्यक्रम ह उत्कृष्ट सेवा करइया एकर जइसे मनखे मन ल स्पोर्ट्स व्हीलचेयर देके इंकर खेल भावना ल बढ़ाथे। आप मन जानतेच होहू के जिंदल स्टील ह खेल के अड़बड़ अकन गतिविधि मन ल संचालित करथे अऊ खेल भावना बर जाने जाथे। व्हील चेयर प्रदान करे के संगेच जिंदल फाउन्डेशन ह अपन ये भावना ल फेर से स्थापित करेहे।

जिंदल फाउन्डेशन ह अइसनहे, हर बछर इनाम अउ पंदोली देके अपन सेवा भावना ल अभिव्यक्त करथे अउ सुग्‍घर काम मन ल बढ़ावा देथे। ये दुनों खिलाड़ी मन ह व्हील चेयर पाए के बाद उहां सकलाए मनखे मन संग गोठ बात करके अपन भावना ल अभिव्यक्त करिन अउ सुग्‍घर अपन खेल के प्रदर्शन घलोक करिन। जेमां उमन व्हीलचेयर के उपयोगिता ल बताइन, व्हील चेयर के उपयोगिता बतात बेरा उमन एक बॉल के फील्डिंग के प्रदर्शन करिन। जेखर से उपस्थित सबो मन अभिभूत होइन अऊ ये व्हीलचेयर के जरूरत ल बने सहिन जान पाइन।

ये बेरा म जिंदल के वरिष्ठ अधिकारी मन म श्री प्रदीप टण्डंन अध्यक्ष, श्री सूर्योदय दुबे कार्मिक प्रमुख श्री बृजमोहन सिंह सुरक्षा प्रमुख, योग प्रशिक्षक प्रेम सिंह अऊ आन वरिष्ठ अधिकारी मन कर्मचारी मन संग उपस्थित रहिन। जे मन ल व्हीलचेयर मिलिस वो मन अड़बड़ मगन रहिन अउ धन्यवाद जिंदल कहत रहिन। हमला इहां ये बताना घलोक जरूरी हे कि आखर म सबो ह एक दूसर ल मकर संक्रांति के बधाई अउ शुभकामना घलोक दीन।

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