कोरिया : रेशमी धागा ले सोनहा होवत हे वनांचल जीवन

कोसा उत्पादन म जुडि़स समूह, पहिली फसल म 10 लाख ले जादा कोसा के होइस उत्पादन
9,178 रोजगार मानव दिवस के संग 147 हितग्राही मन ल मिलीस रोजगार के लाभ

कोरिया, जिला के वनांचल म रहवईया मन ल शासन के कई ठन योजना मन के माध्यम ले उंखर सामाजिक अऊ आर्थिक स्थिति सुदृढ करे के उद्देश्य ले आजीविका गतिविधि ले जोड़े जात हे। ग्रामोद्योग के रेशम प्रभाग कोति ले संचालित टसर कृमि पालन योजना ग्रामीण क्षेत्र मन म आजीविका के महत्वपूर्ण माध्यम बनके उभरे हे।
जिला म अभी हाल म तीन प्रजाति शहतूत(मलबरी), टसर(डाबा), नैसर्गिक रैली कोसा कीटपालन के काम होवत हे। रेशम केन्द्र मन म बहुत अकन समूह रेशम कीटपालन के काम करत हें, विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के ग्राम उरूमदुगा के रेशम कृमिपालन समूह समिति के सदस्य कुमार सिंह के बताती रेशम विभाग कोति ले प्रशिक्षण प्राप्त होए के बाद इहां रेशम कीटपालन के काम होवत हे। ये साल समूह ह पहिली फसल म एक हजार डिम्ब समूह पालन करके 95 हजार 200 नग कोसाफल प्राप्त करे हे, जेकर अनुमानित राशि 2 लाख 9 हजार 440 रुपिया हे। वोकर बताती दूसर फसल म घलोक एक हजार डिम्ब समूह पालन के काम अभी चलत हे।
रेशम विभाग के सहायक संचालक ह बताइस कि वनखण्ड अऊ शासकीय टसर केन्द्र मन म खाद्य पौधा मन म टसर कीटपालन योजना के माध्यम ले डाबा ककून के उत्पादन करे जात हे। साल 2022-23 म 65 हजार स्वस्थ्य डिम्ब समूह के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक पहिली अउ दूसर फसल म कुल 47 हजार 322 स्वस्थ डिम्ब के पालन करे गए हे। उमन बताइन कि पहिली फसल ले 10 लाख कोसा के उत्पादन होय हे, उहें दूसर फसल के उत्पादन प्रगतिरत हे। ये वित्तीय साल म टसर खाद्य पौध संधारण अउ कृमिपालन काम ले 9 हजार 178 रोजगार मानव दिवस के सृजन होय हे, जेमां 147 हितग्राही लाभान्वित होए हें। मनरेगा योजनान्तर्गत रेशम कीटपालन म उपयोगी अर्जुन अऊ साजा पौधरोपण काम, नर्सरी काम, ग्रीन फेसिंग काम, कंटूर निर्माण आदि ले हितग्राही मन ल रोजगार उपलब्‍ध तको होवत हे।

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