धागाकरण के बुता कर पति ब बिसइस स्कूटी अउ खोलिस किराना दुकान, अब आमदनी दुगुन हो गए हे
जशपुरनगर, कोसा के महीन धागा जीवन ल मजबूत अधार घलो दे सकत हे। टसर योजना अउ मलवरी योजना ले जुड़ के कोसा उत्पादन होवत हे। ग्रामीण कोसा कृमि पालन के बुता करत हे। कोसा कृमि ले बनाए गए ककून ल बेच के बढ़िया आमदनी होवत हे। अउ संग ही कोसा धागा निकाल के बेचे ले अतिरिक्त लाभ घलो होवत हे। सरकार के ए योजना ले स्वावलंबन के न सिरिफ रस्ता मजबूत होइस हे, बल्कि ओमन के परिवार के जरूरत घलो पूरा होवत हे। खान-पान, रहे ले लेके लईका मन के शिक्षा असन कई ठ जरूरत अब ये महिला मन ह पूरा कर पात हे।
उदाहरण जशपुर जिला के फरसाबहार ब्लॉक के हितग्राही श्रीमती रोसलीमा कुजूर पति श्री अरविंद कुजूर केरसई गाँव के हे। ओ ह बतात हे कि ओकर शिक्षा 10 वीं तक होए हे अउ अनुसूचित जनजाति वर्ग म आथे। आर्थिक स्थिति बने नई रहीस हे। ओ ह बतइस कि ओला पता चलिस कि मोर पड़ोसी गांव म ही रेशम विभाग के कोसा बीज केन्द्र सिंगीबहार म टसर धागाकरण के बुता चलत हे अउ विभाग कती ले धागाकरण प्रशिक्षण प्रदाय करे जाथे मोर द्वारा कोसा बीज केन्द्र सिंगीबहार के फील्ड आफिसर ले सम्पर्क कर धागाकरण के बारे म जानकारी प्राप्त करेंव अउ ओमन करा ले जानकारी मिलिस कि धागाकरण के बुता ले बढ़िया आमदनी मिल सकत हे अउ मोला धागाकरण कार्य के प्रशिक्षण म शामिल कराय गइस। प्रशिक्षण लेहे के बाद धागाकरण के बुता सुरू करिस अऊ ओकर आर्थिक स्थिति म सुधार होइस अउ अपन दूनों लईका के पढ़ई घलो बढ़िया ले होवत हे।
धागाकरण के बुता कर के अपन पति ब स्कुटी बिसइस अउ किराना दुकान खोल दिस जेकर ले आज आमदनी ह दुगुन हो गए हे। ओ ह एकर श्रेय रेशम विभाग ल देत हे। आज समाज म एक बढ़िया पहिचान बन गए हे ओ ह 42495 नग कोसाफल के उपयोग कर के 38.935 कि०ग्रा० धागा उत्पादन करे हे जेकर बढ़िया कीमत मिले हे।