सृष्टि अऊ मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह ह आत्मनिर्भर बने के दिशा म करिस अति सुग्‍घर काम

दुर्ग, शासन कोति ले संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम ले गठित सृष्टि अऊ मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह ह आत्म निर्भर बने के दिशा म अति सुग्‍घर काम करत हे। ये बात के अनुमान इंकर हर महिना के आय ले लगाए जा सकत हे। सृष्टि स्व-सहायता महिला समूह ह सेक्टर-7 वार्ड 66 म 13 सदस्य मन ल मिलाके समूह के गठन करे हे। समूह के सदस्य मन ह आत्मनिर्भर बने बर अऊ आर्थिक रूप ले सशक्त होए बर प्रारंभिक तौर म ही लक्ष्य लेके काम करना चालू करे रहिस। उमन बैंकिंग व्यवहार ल प्राथमिकता ले अपनाइन। समूह के सदस्य मन ह हर मीना 100 रुपिया प्रति सदस्य जमा करना चालू करिन। समूह के बैठक लेके बैंकिंग लेनदेन ल बढ़ावा दीन अऊ आपसी समन्वय ले समूह के सहभागिता सुनिश्चित करे के निरंतर प्रयास इमन करे हें। महिला सशक्तिकरण के दिशा म अऊ स्वावलंबी बने बर समूह कोति ले खुद के रोजगार चालू करे गीस। समूह ल निगम ह सहयोग करत केंद्र शासन के योजना अनुसार 10 हजार रुपिया आवर्ती निधि उपलब्‍ध कराए गीस। महिलामन अपन जमा राशि ले छत्तीसगढ़ी व्यंजन अनरसा बना के घर-घर बेचना के काम चालू करे हें। धीरे-धीरे ये व्यंजन के एतका प्रसिद्धि मिलीस कि सेक्टर-06 भिलाई स्थित आंध्रा बेकरी म ओ मन ल अपन उत्पाद बेचे के सहमति मिल गीस अऊ हर महीना 12 ले 15 हजार तक आय ओ ल प्राप्त होवत हे। जेखर से परिवार के हर एक सदस्य ल रोजगार के संगें-संग जीविकोपार्जन म सहायता मिलत हे।

अइसनहे वार्ड नंबर 9 कोहका जुन्ना बस्ती के मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह के 12 सदस्य मन ल मिलाके समूह के गठन करिन। प्रारंभिक तौर म महिला तन ह प्रति महिना 2 सौ रुपए के राशि हर एक सदस्य आपस म सकेल के बैंक म जमा करना चालू करिन। प्रतिमाह बैंकिंग लेनदेन ल बढ़ावा देवत उमन खुद के रोजगार मूलक काम करे बर प्रतिबद्ध होके सिलाई के काम ल तवज्जो दीन। धीरे-धीरे सिलाई काम म बढ़ोतरी होत गीस अऊ भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के श्रमिक मन बर पैंट, शर्ट, जैकेट आदि के सिलाई के काम ए मन ल मिलना चालू हो गए। ये सिलाई काम ले हर एक सदस्य ल प्रतिमाह 10 हजार रूपिया ले जादा के आय प्राप्त होवत हे। स्व-सहायता समूह के बैंकिंग लेनदेन मजबूत होए ले हर एक सदस्य अपन संकलित राशि ले दैनंदिनी के वस्तु मन ल खरीदे अऊ अपन परिवार के भरण-पोषण अएउ आर्थिक स्थिति मजबूत करे बर आत्मनिर्भर होवत हे।

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