रायपुर, मेछा के रेख फूटे के पाछू अपन 20 बछर के उम्मर पहुंचे छत्तीसगढ़ युवा जोश अऊ ऊर्जा ले भरे हे। युवावस्था के इही उछाह ल सहीं रद्दा अऊ धार देहे राजधानी रायपुर म स्वामी विवेकानंद जी के जयंती 12 जनवरी के अवसर म तीन दिन के राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के आयोजन करे जात हे। महोत्सव के माध्यम ले छत्तीसगढ़ के पुरातन सांस्कृतिक जर मन के फेर जीयाए के संग संरक्षण अऊ संवर्धन के काम राज्य सरकार करत हे। युवा महोत्सव म प्रदेश भर के 15 ले 40 साल अऊ 40 साल ले जादा आयु वर्ग के 6 हजार 521 भाग लेवइया 821 आन-आन कार्यक्रम मन म अपन कला के प्रदर्शन करहीं। एमां 3 हजार 613 पुरूष, 2 हजार 433 महिला भाग लेवइया अऊ 301 पुरूष अऊ 174 महिला अधिकारी कर्मचारी संघरत हें।
पहली पइत राज्य स्तर म अतीक जबर रूप म होत ये आयोजन ले न सिरिफ ग्रामीण प्रतिभा मन ल आगू आए के अवसर मिलही भलुक युवा पीढ़ी अपन पुरातन समृद्ध परंपरा, कला अऊ संस्कृतिक मूल्य मन ले परिचित हो सकही। इहां प्रदेश भर ले आए कलाकार मन के माध्यम ले छत्तीसगढ़ के संपन्न अऊ समृद्ध संस्कृति ल मंच म देवाए के प्रयास करे गए हे। इहां छत्तीसगढ़ के परंपरागत पकवान, वेशभूषा, खेल, नृत्य, गीत व तीज तिहार के प्रदर्शन होही। महोत्सव के समय छत्तीसगढ़ के फरा, चीला, सोहारी ,पपची, अइरसा, दहरोरी जइसन पारंपरिक पकवान मन के अनूठा स्वाद अऊ महक ल एक नवा आयाम देहे फूड फेस्टिल के आयोजन घलोक करे गए हे।
सौंदर्य बोध अऊ कलात्मक चेतना के जीवंत उदाहरण आभूषण मन म दिखाई देथे। छत्तीसगढ़ के इही कलात्मक सांस्कृतिक विशेषता इहां के पारंपरिक वेशभूषा अऊ आभूषण मन म घलोक दिखाई देथे। वेशभूषा प्रतियोगिता के माध्यम ले प्रदेश के विविधता वाले ये विरासत के प्रदर्शन युवा मन कोति ले करे जाही। छत्तीसगढ़ के लोक जीवन तिहार, फसल कटे, ईश्वर के प्रति कृतज्ञता दर्शाए, उछाह अऊ उमंग जइसे कई अवसर मन म पारंपरिक लोक नृत्य मन ले रचे बसा हे। एमां राउत नाचा, सुआ गीत, सरहुल, बस्तरिया, करमा ,डंडा नांच, पंथी नृत्य जइसे लोक नृत्य मन के ऐतिहासिक पृष्टभूमि रहे हे। एखरे संग पारंपरिक भौंरा, गेड़ी दौड़, खो-खो, कबड्डी, फुगड़ी जइसे खेल ग्रामीण जन-जीवन म रचे बसे हे। आज के नवा युवा पीढ़ी कोति ले ए संस्कार मन ल आगू बढ़ात देखे के सुखद अनुभूति युवा उत्सव म मिलही।
पारंपरिक लोक रंग के संग युवा प्रतिभा मन ल निखारके राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर म प्रदर्शन बर तियार करे युवा महोत्सव म शास्त्रीय संगीत म हिन्दुस्तानी अऊ कर्नाटक शैली अऊ शास्त्रीय नृत्य कत्थक, ओडिसी, कुचीपुड़ी, मणीपुरी, भरतनाट्यम के संग तबला, गिटार, सितार वादन ल घलोक प्रतियोगिता म सामिल करे गए हे।
प्रखर मस्तिष्क अऊ देश दुनिया के जानकारी ले अपडेट प्रतिभा मन ल देखे के मौका क्विज, वाद-विवाद अऊ तात्कालिक भाषण के प्रतियोगिता मन के माध्यम ले हमला मिलही। सामाजिक जागृति बर कुरीति मन उपर प्रहार के एक मनोरंजक माध्यम एकांकी रहे हे, छत्तीसगढ़ म रचे बसे एकांकी के आकर्षक प्रस्तुति घलोक युवा महोत्व म भाग लेवईया मन कोति ले करे जाही। ये युवा महोत्सव राज्य सरकार के मंशा मुताबिक युवा मन के सहभागिता ले छत्तीसगढ़ के पुरातन सरल सहज दुर्लभ लोक संस्कृति ल समेटे, सहेजे अऊ पारंपरिक सौंधी महक ल बनाए रखे के एक सशक्त माध्यम बनही।