’दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना’ ले बदलीस अन्नू के तकदीर

राजनांदगांव, 30 सितमबर 2024। अन्नू साहू के पति बीमार रहिस अऊ काम नइ कर पात रहिस, उहें अन्नू के घरेलू कामगार के रूप म होवइया आय वोखर परिवार के भरण-पोषण करे बर कम रहिस। जब वोखर घर म निराशा के माहौल छाए  रहिस, तब अन्नू ह ये तय करिस के ओ ल कोनो आन काम करे ल परही। अब अन्नू छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के गली मन म अपन ई-रिक्शा चलात हे, मनखे ओ ल ध्यान से देखथे। हल्का ठंड हवा अऊ सड़क के अवाज के बीच अन्नू आत्मविश्वास ले आगू बढ़त हे अऊ पीछू मुड़के नइ देखत हे।

अन्नू ह बारहवीं कक्षा तक के पढ़ाई पूरा करे के बाद घरेलू कामगार के रूप म काम करना शुरू कर दे रहिस। फेर वो काम म बहुतेच कम आय होत रहिस। अन्नू के जीवन म एक बड़ा मोड़ तब आइस जब वो ह श्रम विभाग के दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के बारे म सुनिस। ये योजना महिला मन ल ई-रिक्शा खरीदे बर वित्तीय सहायता प्रदान करके ओ मन ल आर्थिक स्वावलंबन के अवसर देथे। अन्नू ह ए अवसर ल दुनों हाथ ले थाम लीस। ज़िला श्रम अधिकारी के मदद ले अन्नू ह जल्दी आवेदन प्रक्रिया पूरा करिस, जरूरी दस्तावेज़ जमा करीस अऊ अपन आवेदन प्रस्तुत कर दीस। जब ओखर आवेदन स्वीकृत होइस, त अन्नू ह पहली पइत सफलता अऊ आर्थिक स्वतंत्रता के सुवाद चिखिस।

ई-रिक्शा ड्राइवर के रूप म काम करके अन्नू ह अपन परिवार के भविष्य ल सुरक्षित करे बर एक साहसिक कदम उठाइस। जल्दीच वोखर आय नियमित हो गे, अऊ अब वो हर महीना 20 ले 25 हजार रुपिया कमावत हे।

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