राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव: शिल्पग्राम बनिस मनखे मन अऊ मेहमान कलाकार मन के पहली पसंद
Surabhi Tiwari
रायपुर के साइंस कालेज मैदान म आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव न केवल कई ठन देश अऊ प्रदेश के कलाकार मन के सांस्कृतिक प्रदर्शन ले मनखे मन ल अपन जादुई आकर्षण म बांधत हे, भलुक इहां आदिवासी अउ लोक, कला, संस्कृति, रहन-सहन, रीत-रिवाज अऊ जीवन शैली के मॉडल अऊ जीवंत प्रदर्शन घलोक मनखे मन ल मोहत हे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के शानदान अउ भव्य द्वार अऊ इहां आयोजित शिल्पग्राम के द्वार घलोक छत्तीसगढ़ी कला अऊ संस्कृति ल प्रदर्शित करे के संगें-संग आकर्षण अऊ कौतूहल पैदा करत हे। महोत्सव म अवइया दर्शक मन ये प्रदर्शनी अऊ शिल्पग्राम के घलव अवलोकन करत हें अऊ प्रदेश के कला-संस्कृति अउ माटी के महक महसूस करत हें।
शिल्पग्राम म प्रदर्शनी के संगें-संग बुनकर मन के बनाय गए कपड़ा, कांसा, लोहा, बेलमेटल, बांस अऊ माटी के बने कला संस्कृति के चिनहा स्वरूप समान मन तक सहज आकर्षण के केन्द्र बनत हे। ये शिल्पग्राम म कुल 36 स्टॉल लगाए गए हे। जेमां 14 स्टॉल हाथकरघा बुनकर, 12 हस्तशिल्प के स्टॉल, 4 स्टॉल माटीकला बोर्ड के, एक रेशम प्रभाग के स्टॉल अऊ दू खादीग्राम बोर्ड के स्टॉल लगाए गए हे। खादीग्राम बोर्ड के स्टॉल म सरगुजा के भित्ती चित्र के विशेष रूप ले प्रदर्शन करे गए हे। संगेच माटीकला बोर्ड कोति ले मिट्टी के बर्तन बनाए के विधि के प्रदर्शन करे जात हे। ए स्टॉल मन म बिलासा हैण्डलूम्स के रनिंग मटेरियल्स के एक स्टॉल, कोसा साड़ी मन के एक स्टॉल, रेडिमेंट गारमेंटस के एक स्टॉल अउ एक स्टॉल फर्नीसिंग डबल बेड सीट के अऊ विशेष रूप ले नेचुरल डाई ले तियार करे गए कपड़ा मन के स्टॉल लगाइए गए हे। ये महोत्सव म अवइया पहुना भाग लेवईया मन अऊ राजधानी वासी मन के पहली पसंद शिल्पग्राम बन गए हे। ये शिल्पग्राम म महोत्सव के पहिली दिन म ही करीबन 4 लाख रूपिया के हस्तशिल्प उत्पाद के बिक्री हो गए हे। काली ये प्रदर्शनी अऊ शिल्पग्राम के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे संग अथितिगण मन अऊ बड़ संख्या म नागरिक मन ह अवलोकन करिन अऊ एकर आनन्द उठाइन।