छत्तीसगढ़ के कुरदर, सरोधा दादर अऊ धनकुल रिसॉर्ट म जनजातीय संस्कृति ले परिचित होहीं पर्यटक

रायपुर, 17 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल कोति ले भारत सरकार के स्वदेश दर्शन योजना- ’’ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’’ के तहत कुरदर, सरोधा दादर अऊ धनकुल म रिसॉर्ट बनाय गए हे। 28.91 करोड़ रूपिया ले बने ये तीनों रिसॉर्ट के लोकार्पण मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह 14 अगस्त के अपन रायपुर निवास कार्यालय ले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के संग करे रहिन हें। इहां पर्यटक मन ल जनजातीय संस्कृति ले रूबरू होए के मौका मिलही।

कुरदर हिल ईको रिसॉर्ट (Kurder Hill Eco Resort) के निर्माण 4 करोड़ 69 लाख 45 हजार रूपिया ले करे गए हे। ये बैगा विलेज कुरदर बिलासपुर ले 52 किलोमीटर अऊ बेलगहना ले 12 किलोमीटर के दूरी म अचानकमार टाईगर रिजर्व ले लगे पहाड़ी म स्थित हे। ईको डेस्टीनेशन के रूप म कुरदर ल विकसित करे गए हे। घना जंगल के बीच छत्तीसगढ़ के नैसर्गिक सुंदरता अऊ प्रकृति हरियाली के चादर ओढ़े कुरदर हिल ईको रिसॉट पर्यटक मन ल आकर्षित करथे।

बैगा एथनिक रिसॉर्ट सरोधादादर (Baiga Ethnic Resort Sarodhadadar) के निर्माण 13 करोड़ 28 लाख 89 हजार रूपिया ले करे गए हे। धरती अऊ आकाश ल मिलत देखे के रोमांचक अऊ अद्भूत दृश्य सरोधा दादर म देखे जा सकत हे। ये चिल्फी घाटी म स्थित हे। एथनिक रिसॉर्ट के व्यू प्वाइंट ले सुरूज के उगती अउ बुड़ती के बेरा म कुदरत के खुबसूरती ल बहुतेच नजदीक ले देखे जा सकत हे। पहाड़ी म स्थित एथनिक रिसॉर्ट म ट्राइबल थीम म हट्स, कैफेटेरिया अऊ इंटरप्रिटेशन सेंटर के निर्माण करे गए हे। इहां ले पर्यटक घना जंगल के बीच छत्तीसगढ़ के नैसर्गिक सुंदरता के मजा ले सकत हें। ये एथनिक रिसॉर्ट म छत्तीसगढ़ म पहली पइत विदेश के तर्ज म पर्यटक मन के घर बर वूडन कॉटेज के निर्माण करे गए हे। ये रिसॉर्ट म एक भव्य मुक्ताकाश मंच के घलोक निर्माण करे गए हे।

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धनकुल एथनिक रिसॉर्ट (Dhankul Ethnic Resort) के निर्माण 10 करोड़ 92 लाख 72 हजार रूपिया ले करे गए हे। कोण्डागांव के खुबसूरत वादी मन म पर्यटक मन बर ये रिसॉर्ट के निर्माण करे गए हे। धनकुल एथनिक रिसॉर्ट जनजाति सामुदाय के परंपरागत विशेषता मन ल बड़का रूप ले संजोए कोनो ट्राइबल विलेज ले कम नइ हे। इहां आगमन के संगेच जगदलपुर पैलेस के प्रतिकृति म निर्मित भव्य प्रवेश द्वार अपन वैभवशाली अतीत के कहानी खुदे बताथे। ये रिसॉर्ट म जनजातीय परंपरागत शैली म संग्रहालय के निर्माण करे गए हे। जिहां जनजातीय सामुदाय के कई कालखण्ड़ म दैनिक जीवन म उपयोग के दुर्लभ वाद्ययंत्र, कृषि उपकरण, लौह शिल्प, काष्ठ शिल्प, ढोकरा शिल्प, टेराकोटा अउर बांस शिल्प ले निर्मित कई ठन कलाकृति मन ल धरोहर के रूप म प्रदर्शित करे गए हे।

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